Nehru Memorial Rename: दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आधिकारिक तौर से इस पर मुहर लगा दी गई है और सोमवार से बदला हुआ नाम प्रभावी हो गया, जिसे लेकर अब सियासत भी गरमाने लगी है. नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि ये मोदी सरकार का कलंकपूर्ण अध्याय है.


कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि नेहरू जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया और आज़ादी दिलाने में मदद की. जिस व्यक्ति ने इस देश को आज़ादी दिलाई उस व्यक्ति के नाम पर रहे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलना देश के लिए अपमानजनक है. ऐसे प्रधानमंत्री का नाम बदलना मोदी सरकार का एक कलंक पूर्ण अध्याय है. जवाहर लाल नेहरू म्यूजियम से अब उनका नाम हट जाएगा. प्रमोद तिवारी ने कहा, "मोदी जी आप लाख कोशिश कर लें लेकिन जवाहर लाल नेहरू इतनी लंबी लकीर खींच कर वो गए हैं कि उन्हें आपकी दया की जरूरत नहीं. वो अजर अमर हैं."  



नेहरू मेमोरियल का नाम बदला


दरअसल, नई दिल्ली में स्थित तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आवास था. बाद में इसे संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय की बात कही थी, जिसपर बाद में मुहर लगा दी गई. इसमें सभी प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय होने की वजह से इसका नाम बदलने का फैसला लिया गया और अब इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल और लाइब्रेरी कर दिया गया है. 


कांग्रेस ने जताई नाराजगी


नेहरू मेमोरियल का नाम बदले जाने से कांग्रेस आग बबूला है और लगातार इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल रहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा कि जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे दूसरों का इतिहास मिटाने चले हैं. नाम बदलने से पूर्व प्रधानमंत्री की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता है.


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