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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान सीतापुर जेल से करीब 23 महीने बाद जमानत पर रिहा हो गए हैं. वहीं सपा नेता आजम खान की रिहाई पर यूपी की राजनीति में हलचल तेज है और राजनेताओं के बयान भी आ रहे हैं. वहीं अब आजम खान की रिहाई पर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद की भी प्रतिक्रिया सामने आई है और उन्होंने कहा है कि अगर वे यूनिवर्सिटी नहीं बनाते तो शायद इतनी बड़ी कार्रवाई इनके खिलाफ नहीं होती.

आजम खान की रिहाई पर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "मैं न्यायपालिका को बहुत धन्यवाद दूंगा, उनके लिए मंगलकामनाएं करूंगा. जो जेल में रहता है उसी को जेल का एहसास होता है. मैंने 16 महीने जेल में बिताए हैं, जब आप सरकार के खिलाफ जेल में हैं तब किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है ये किसी से छिपा नहीं है. उन पर कई मुकदमें हुए हैं, उनका सबसे बड़ा अपराध है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी बनाई है. अगर वे यूनिवर्सिटी नहीं बनाते तो शायद इतनी बड़ी कार्रवाई इनके खिलाफ नहीं होती."

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वहीं चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यह सब कार्रवाई उनके परिवार को तोड़ने के लिए थी लेकिन मैं न्यायपालिका का स्वागत करता हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आजम खान कोई राजनीतिक कदम उठाते हैं तो उनके इस कदम से यूपी की राजनीति पर असर पड़ेगा. हालांकि मेरा मानना है कि वह ही इसी पर सही जवाब दे पाएंगे.

सीतापुर जेल से रिहाई के तुरंत बाद आजम खान चुप्पी साधे एक वाहन में सवार होकर रामपुर के लिए रवाना हो गए. रास्ते भर नेशनल हाइवे पर उनके काफिले में सैकड़ों गाड़ियां शामिल रहीं. रामपुर पहुंचते ही उन्होंने अपने आशियाने के मुख्य द्वार पर समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. वहीं आजम खान ने जेल से निकलते ही बीएसपी में शामिल होने की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि "यह अफवाहें फैलाने वाले ही बता सकते हैं, मैंने जेल में किसी से मुलाकात नहीं की.

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