Na-Throw Na-Throw RRR Center: उत्तर प्रदेश (UP) के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा है कि पर्यावरण के अनुकूल हमारी जीवन शैली हो और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए व्यक्तियों के व्यवहार में परिवर्तन आए, इसके लिए केंद्र सरकार की मिशन लाइव कार्यक्रम के पहल पर शहरों को साफ-सुथरा, स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए योगी सरकार प्रदेश के सभी 762 निकायों में 'ना थ्रो, ना थ्रो' आरआरआर सेंटर बना रहा है. आगे चलकर इसे सभी निकायों के हर वार्ड में बनाया जाएगा.


एके शर्मा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव पर्यावरण के साथ हम सभी के जीवन को प्रभावित कर रहा है. प्रकृति का कम से कम दोहन कर हमें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा. साथ ही अच्छे वातावरण के लिए अपने जीवन में रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल की कार्य पद्धति को भी अपनाना होगा.


एके शर्मा ने लोगों से की ये अपील


शनिवार को नगर विकास मंत्री ने लखनऊ नगर निगम की ओर से लालबाग के दयानिधान पार्क में 'मेरी लाइफ, मेरा स्वच्छ शहर' अभियान के तहत स्थापित 'ना थ्रो, ना थ्रो' आरआरआर सेंटर का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने नागरिकों से अपने घरों की निष्प्रयोज्य सामग्री को इधर-उधर न फेंकने के बजाय निकायों में स्थापित आरआरआर सेंटर को देने की अपील की, जिससे जरूरतमंदों की मदद की जा सके.


मंत्री ने कहा कि लोगों के घरों में व्यर्थ पड़ी इस सामग्री का रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल कर शहरों को और स्वच्छ, सुंदर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, निष्प्रयोज्य सामग्री को इधर-उधर फेंकने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, जल में जाने से पानी अशुद्ध होता है और नाले-नालियों में जाने से यह चोक हो जाती हैं. ये सामग्री शहरों की साफ-सफाई और सुंदरता को भी खराब करती हैं.


ये सामान दे सकते हैं आरआरआर सेंटर को?


एके शर्मा ने आगे कहा कि लोगों के घरों में पड़ी अनुपयोगी सामग्री किसी के लिए बहुत उपयोगी हो सकती है. किसी के जीवन का सपना इससे पूरा हो सकता है. वस्तुओं का रीयूज हमारी संस्कृति का भाग रहा है. इससे समाज को जोड़ने में मदद मिली थी, जिसे आज फिर से अपनाना होगा. उन्होंने लोगों को अपने घरों की इस प्रकार की अनुपयोगी सामग्री जिसमें- कपड़े, किताबे, खिलौने, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मशीनरी, साइकिल आदि आरआरआर सेंटर को दे सकते हैं.


शर्मा ने कहा कि इन केंद्रों को कपड़ा बैंक, किताब बैंक, बर्तन बैंक, खिलौना बैंक, फर्नीचर बैंक के रूप में विकसित किया जाएगा. इसमें जनभागीदारी बढ़ाने के लिए स्वयं सहायता समूहों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारी वर्ग, स्टूडेंट, सर्विस क्लास का भी सहयोग लिया जाएगा. सामग्री को एकत्रित करने के लिए स्वच्छता रथ संचालित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस प्रकार के 810 सेंटर पूरे प्रदेश में खोले जा चुके हैं. कार्यक्रम में निकाय निदेशक नेहा शर्मा, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह और शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.


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