लखीमपुर खीरी जिले के मुस्तफाबाद गांव का नाम बदलकर ‘कबीर धाम’ किए जाने के प्रस्ताव का ग्रामीणों ने सोमवार को स्वागत करते हुए आशा जताई कि इससे गांव में नए विकास कार्यों को गति मिलेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की. यह गांव टेंडुआ ग्राम पंचायत के अंतर्गत गोला तहसील में स्थित है और लखीमपुर-अलीगंज मार्ग पर खीरी जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है.
वर्षों पहले यहां स्थापित विश्व कल्याण आश्रम के कारण यह साधारण सा गांव सुर्खियों में आया था. यह आश्रम संत कबीर दास की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार का कार्य करता है.
गांव के 85 वर्षीय निवासी राम बिलास ने ग्राम का नाम बदलने के निर्णय को सही बताते हुए कहा, 'आश्रम के कारण ही यहां महत्वपूर्ण लोग आने लगे, और अब हमें उम्मीद है कि गांव का नाम बदलने से विकास भी होगा.'
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एक अन्य ग्रामीण विनोद कुमार ने भी यही बात दोहराते हुए कहा, 'कबीर धाम’ नाम से गांव के विकास को नई दिशा मिलेगी.' मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान मौजूद ग्रामीण रामपाल और राम किशोर ने कहा कि आश्रम की निकटता के बावजूद गांव अब तक विकास से उपेक्षित रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसका नाम बदलकर इसे फिर से केंद्र में ला दिया है.
वहां कोई मुस्लिम आबादी नहीं...
भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष और गोला नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ने भी इस घोषणा का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आश्रम ने मुस्तफाबाद गांव को पहचान दिलाई है और नाम परिवर्तन के साथ उसे उसका उचित सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि ‘कबीर धाम’ अब नई विकास योजनाओं और परियोजनाओं के लिए ध्यान आकर्षित करेगा.
आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार लखीमपुर खीरी जिले के मुस्तफाबाद गांव का नाम बदलकर 'कबीरधाम' करने का प्रस्ताव लाएगी और इस बदलाव से संत कबीर से जुड़े इलाके की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान फिर से बहाल होगी.
आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि गांव का नाम मुस्तफाबाद रखा गया, जबकि वहां कोई मुस्लिम आबादी नहीं है.