लखनऊ: दो साल पहले बागपत जेल में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या की जांच भले ही सीबीआई कर रही हो लेकिन इस हत्याकांड का लखनऊ कनेक्शन उजागर हुआ है. बीते सप्ताह लखनऊ में हुई हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग का मुन्ना बजरंगी हत्याकांड से गहरा नाता जुड़ रहा है.


मुन्ना बजरंगी का कनेक्शन


9 जुलाई, 2018 को मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में दूसरे गैंगस्टर सुनील राठी ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. मुन्ना बजरंगी एक रात पहले ही झांसी से बागपत जेल एक धमकी के मामले में पेशी पर लाया गया था. मुन्ना बजरंगी की हत्या का सबब बने उस धमकी के केस का लखनऊ कनेक्शन मिला है. जिस नंबर से मुन्ना बजरंगी के नाम पर धमकी दी गई थी, वह नंबर लखनऊ पुलिस के हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया का गुर्गा चला रहा था.


दरअसल मुन्ना बजरंगी की हत्या से पहले सितंबर 2017 को बागपत कोतवाली में बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित के भाई नारायण दीक्षित को एक अज्ञात फोन नंबर 786####544 से रंगदारी के लिए मुन्ना बजरंगी के नाम पर धमकी दी गई थी, धमकी कई महीनों से आ रही थी. लेकिन जब 22 सितंबर 2017 को मुन्ना बजरंगी से झांसी जेल में जाकर ना मिलने पर जान से मारने की धमकी मिली, तब धमकी की सीडी बनाकर नारायण दीक्षित ने मोबाइल नंबर के साथ अज्ञात लोगों पर बागपत कोतवाली में 854 /2017 क्राइम नंबर पर f.i.r. दर्ज करा दी.


पुलिस ने जांच की तो पता चला जिस सिम से कॉल की गई थी वह सिम लखनऊ के सिराज अली के नाम का है. मोबाइल कंपनी के पास सिराज अली की फोटो का पहचान पत्र था, जिस पर सिम जारी हुआ लेकिन सुल्तान अली उसको चलाता था. पुलिस ने दोनों भाइयों से पूछताछ की तो पता चला नंबर भले ही उनके पहचान पत्र पर खरीदा गया हो लेकिन वो नम्बर है सुरेंद्र कालिया के पास. पुलिस सूत्रों की माने तो पूर्व विधायक के भाई को जो धमकी दी गई थी वह नंबर भले ही सुरेंद्र कालिया के पास हो लेकिन धमकी बनारस के रहने वाले संजय राव ने दी थी. संजय राव की आवाज को पुलिस के तमाम अधिकारियों ने पहचाना भी था.


सुरेंद्र कालिया पर हुआ था जानलेवा हमला


अब बात सुरेंद्र कालिया की. दरअसल बीते सप्ताह लखनऊ के आलमबाग इलाके में हुसैनगंज हजरतगंज समेत तमाम थानों के हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पर जानलेवा हमला हुआ. ताबड़तोड़ फायरिंग की गई और इस फायरिंग में सुरेंद्र कालिया के ड्राइवर को दो गोली लगी. सुरेंद्र कालिया ने इस हमले के लिए जौनपुर के बाहुबली विधायक और जेल में बंद धनंजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया. एफआईआर दर्ज हुई. पुलिस ने गाड़ी की जांच की तो गाड़ी से कुछ ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जिनका कनेक्शन मुन्ना बजरंगी की हत्या और सुरेंद्र कालिया से जुड़ा था. वारदात के बाद से जो सुरेंद्र कालिया पुलिस अफसरों से न्याय की गुहार लगा रहा था वह अपनी इस कनेक्शन के खुलासे के बाद से फरार बताया जा रहा है. हालांकि पुलिस के अधिकारी अभी खुलकर कुछ भी बताने से बच रहे हैं लेकिन इतना जरूर है कि सुरेंद्र कालिया अब पुलिस के रडार पर नहीं.


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