Ambika Chaudhary Joins SP: माफिया विधायक मुख्तार अंसारी (Muktar Ansari) के बड़े भाई सिबगतुल्ला अंसारी (Sibagtullah Ansari) आज अपने तमाम समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो गए. सिबगतुल्ला अंसारी के अलावा पूर्व मंत्री रहे अंबिका चौधरी (Ambika Chaudhary) भी सपा में लौट आए हैं. अंबिका चौधरी के साथ उनके बेटे आनंद समेत तमाम समर्थकों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सभी का स्वागत किया.


भावुक हो गए अंबिका चौधरी
सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में अंबिका चौधरी ने कहा कि आज का दिन मेरा पुनर्जन्म का दिन है. मुझे और बेटे आनंद को सपा परिवार में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का उन्होंने आभार जताया. उन्होंने कहा कि मन में अभिलाषा है कि 2022 में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनें. किसान और बेरोजगार परेशान हैं. समाज के हर तबके के मन में ये उम्मीद है कि सपा की सरकार बनेगी तो उनकी तकदीर बदलेगी. अपनी बात कहते हुए पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी भावुक हो गए. 


समाजवादी पार्टी से जोड़ा जाए
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व मंत्री अपनी बात कहते हुए इतने भावुक थे कि वो जो कहना चाहते थे वो नहीं कह पा रहे थे. सोचो जो छोड़ कर गया होगा, कितने कष्ट के साथ गया होगा, कितना दुख हुआ होगा, कितनी परेशानी हुई होगी, आज मैं यह महसूस कर रहा हूं. मेरी कोशिश होगी कि नेताजी के जितने साथी हैं, उन सबको कहीं ना कहीं से समाजवादी पार्टी से जोड़ा जाए.


समय पर जो साथ दे वही साथी है
अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व मंत्री बहुत भावुक थे. मुझे कुछ कहना नहीं है कि लेकिन कुछ लाइनें याद आ रही हैं कि लोग कहते हैं ना जाने क्यों कुछ मजबूत रिश्ते बहुत आसानी से टूट जाते हैं. कोई कारण नहीं होता. परिस्थितियां होती हैं. समय होता है. लेकिन मुझे खुशी है इस बात की है कि मजबूती के साथ खड़े होने के लिए आप सब लोग आएं. बहुत स्वागत करता हूं सबका. राजनीति में उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन सही समय पर जो साथ दे वही साथी है.


बलिया से सपा का है गहरा रिश्ता 
अखिलेश यादव ने कहा कि, बलिया के लोगों को बधाई देता हूं क्योंकि जिस समय जिला पंचायत चुनाव हो रहा था, सबसे मजबूती के साथ बलिया के लोग खड़े थे और यही बलिया की पहचान है. बलिया से समाजवादी का रिश्ता कोई आज का नहीं है. सबसे गहरा रिश्ता समाजवादियों का ही है. चाहे वो किसी रूप में हो. राजनीतिक रिश्ता हो, पारिवारिक रिश्ता हो, चाहे हमारा भावनात्मक रिश्ता हो. हम लोग कैसे भूल जाएंगे जिनके भाषण सुनते हुए हम लोगों ने समाजवाद सीखा, आंदोलन को समझा. बलिया की पहचान देश में विचारधारा के रूप में और वहां के नेताओं के रूप में है. राजधानी में सबसे बड़ी पहचान जेपीएनआईसी के रूप में है. आज जेपीएनआईसी लखनऊ की सबसे ऊंची और शानदार बिल्डिंग है.


ये सरकार तो नाम ही बदल रही है
अखिलेश यादव ने कहा कि, प्रदेश की सीमा का बलिया आखिरी जिला है. अगर उसे लखनऊ और दिल्ली से ना जोड़ें तो वहां विकास कैसे होगा. समाजवादी पार्टी ने कोशिश की थी कि कोई भी उत्तर प्रदेश के किसी भी कोने से लखनऊ 4 घंटे में आ जाए. ऐसे एक्सप्रेस-वे बनवाए. ये सरकार तो नाम ही बदल रही है. समाजवादी पूर्वांचल ने एक्सप्रेस-वे नाम रखा था. इस सरकार ने क्या किया, बाबा जी मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया. केवल समाजवादी हटा दिया. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस जिस क्वालिटी का बनना था, जिस गुणवत्ता के साथ बनना था, जिस रफ्तार के साथ बनना था वो रफ्तार धीमी कर दी गई. ना जाने क्यों बलिया को सबसे पीछे कर दिया. उन्होंने कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं सरकार आपकी बनने जा रही है. सबसे जल्दी वही एक्सप्रेस से बनेगा जो आप को जोड़ने वाला है.


कोरोना काल में सरकार ने लोगों को अनाथ छोड़ दिया
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना से जाने कितने लोगों का क्या-क्या खो गया. किसी ने घर-बार खोया, परिवार का सदस्य खोया. जिस समय सबसे ज्यादा सरकार की जरूरत थी, सरकार मदद करती, उस समय सरकार ने लोगों को अनाथ छोड़ दिया. ऐसी सरकार को हटाने के लिए हम सब लोग एक हो गए हैं. सरकार पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि इस सरकार में दूसरों का फीता काटेंगे. शिलान्यास का शिलान्यास करेंगे. उद्घाटन का उद्घाटन करेंगे. रंग बदलेंगे, नाम बदलेंगे. बलिया वालों सावधान, जरूरी नहीं जिस नाम से आए हो मुख्यमंत्री जी को पता लगेगा तो उस नाम से वापस नहीं जाओगे.



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