फिल्म उदयपुर फाइल्स को लेकर विरोध कम होता हुआ नहीं दिख रहा है. फिल्म लगातार विवादों में घिरी हुई है. फिल्म को लेकर सियासत भी तेज हो गई है तमाम नेताओं ने फिल्म का विरोध किया है. इसी बीच भारतीय सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष सूफी काशिश वारसी ने फिल्म का विरोध करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है.

भारतीय सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष सूफी काशिश वारसी ने फिल्म उदयपुर फाइल्स के विरोध पर कहा की अगर फिल्म में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला है और जैसा लोग कह रहे हैं की इसमें पैगम्बर ए इस्लाम के बारे में कुछ गलत दिखाया गया है तो देश की सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए और फिल्म पर रोक लगा देनी चाहिए लेकिन किसी को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिस से देश का माहौल खराब हो, हमे सरकार और कानून पर भरोसा रखना चाहिए. 

नेम प्लेट विवाद पर ये क्या कह गए सूफी कशिश वारसीकांवड़ पथ पर होटल ढाबों के नामों को लेकर हो रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म धोका देने की बात नहीं करता है इस्लाम धर्म भी इसकी इजाज़त नहीं देता की आप किसी को धोका देकर कारोबार करें अगर कोई मुसलमान किसी दूसरे धर्म के नाम पर काम करता है तो वह धोका दे रहा है अगर कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति ऐसा करता है तो वह भी धोका दे रहा है.

बिहार में वोटर लिस्ट के विवाद पर उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा का बचाव करते हुए कहा कि चुनाव आयोग पर तो हमेशा ऐसे ही हर सरकार में ऐसे आरोप विपक्ष लगाता रहा है आज लग रहे हैं तो ये सब राजनीतिक खेल है उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वह राष्ट्रवाद और देशभक्ति की बात करे और आपको योजनाओं का लाभ दे उसे वोट दें उन्होंने साफ़ तौर पर भाजपा को वोट करने के लिए मुसलमानों से अपील कर दी. उन्होंने आगे बात करते हुए कहा है कि कोई भी सरकार किसी धर्म के खिलाफ नहीं होती है. मै भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह इस पर संज्ञान लें और इस पर कार्यवाही करें.