UP Monad University: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़ से जुड़ी फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के एक और सदस्य को हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज छापने की मशीनें और हजारों खाली प्रमाणपत्र बरामद हुए हैं. आरोपी का नाम राजेश हैं जो फरीदाबाद के बल्लभगढ़ का रहने वाला है.
एसटीएफ टीम ने आरोपी राजेश को 19 मई को फरीदाबाद के हाई स्ट्रीट 81 मॉल से गिरफ्तार किया है. उसके पास से मोनाड यूनिवर्सिटी की 957 ब्लैंक मार्कशीट, 223 ब्लैंक सर्टिफिकेट, 575 ब्लैंक प्रोविजनल सर्टिफिकेट, 49 तैयार फर्जी मार्कशीट, 2 प्रिंटर, 6 प्रिंटर टोनर, 1 कंप्यूटर, और मोनोग्राम सील रिबन का बंडल बरामद हुआ है.
छात्रों से वसूले लाखों रुपयेएसटीएफ को इससे पहले एक शिकायत मिली थी कि मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़ के नाम पर फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट तैयार कर छात्रों से लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं. इस शिकायत की जांच के क्रम में 18 मई को एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेन्द्र सिंह उर्फ विजेन्द्र सिंह हुड्डा समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से भी भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए थे.
इन्हीं में से एक आरोपी संदीप सेहरावत ने पूछताछ में बताया था कि वह हरियाणा में फर्जी डिग्री तैयार करता है और उसका साथी राजेश भी इस काम में शामिल है. दोनों मिलकर बीए, बीएड, बीटेक, बीए एलएलबी, फार्मेसी जैसी डिग्रियां बनाते थे और हर छात्र से कोर्स के अनुसार 50 हजार से 4 लाख रुपये तक वसूलते थे. आरोपी राजेश ने भी कबूला है कि उसने मोनाड यूनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट तैयार कर यूनिवर्सिटी में भेजी थी. जब उसे साथी संदीप की गिरफ्तारी की जानकारी मिली तो वह छिप गया.
आरोपी के खिलाफ हापुड़ में मुकदमा दर्ज19 मई को आरोपी राजेश फर्जी दस्तावेज हटाने अपने प्रिंटिंग ऑफिस पहुंचा था जहां एसटीएफ ने उसे दबोच लिया. बता दें कि मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़ एक निजी विश्वविद्यालय है, जिसे वर्ष 2010 में उत्तर प्रदेश सरकार के एक्ट के तहत मान्यता मिली थी. लेकिन, बीते कुछ वर्षों में इस यूनिवर्सिटी का नाम शिक्षा के नाम पर फर्जीवाड़े में कई बार सामने आ चुका है. पहले भी विश्वविद्यालय पर यूजीसी और अन्य जांच एजेंसियों की निगाहें रही हैं.
राजेश के खिलाफ थाना पिलखुवा, हापुड़ में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 336, 336(3), 340(1), 340(2) और 111 बीएनएस के तहत कार्रवाई की जा रही है. एसटीएफ अब इस पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए बाकी लोगों की तलाश में जुटी है.