लखनऊ, एबीपी गंगा। आशीष पटेल ने अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। इसके साथ ही, पार्टी की संरक्षक और मीर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल को राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बता दें अनुप्रिया आशीष की पत्नी हैं। दरअसल, 16वीं लोकसभा में अनुप्रिया अपना दल की सांसद थीं, लेकिन पार्टी में दो फाड़ होने के बाद उन्होंने अपना दल (एस) नाम से अलग पार्टी बना ली थी। 2014 में अपना दल की सांसद होने के नाते तकनीकी तौर पर वे अपना दल (एस) की अध्यक्ष नहीं बन सकती थीं, इसलिए 17वीं लोकसभा में अपना दल(एस) से जीतकर उनके अध्यक्ष बनने की बाधा भी खत्म हो गई।

एकमत से सबने किया समर्थन

बता दें कि मंगलवार को अपना दल के संस्थापक डॉ.सोनेलाल पटेल की 70वीं जयंती पर राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 'जन स्वाभिमान समारोह' आयोजित किया गया था। जिसमें आशीष ने अपना दल (एस) का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान करते हुए अनुप्रिया पटेल को नया अध्यक्ष बनाने की घोषणा की। इस फैसला का वहां मौजूद पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एकमत से समर्थन किया।

अनुप्रिया पटेल की केंद्र सरकार से मांग

इस दौरान अनुप्रिया पटेल ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का भी गठन होना चाहिए। उनका कहना है कि इस आयोग के गठन से न्यायपालिका में ओबीसी और एससी-एसटी का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। साथ ही, उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए ये भी कहा कि आजादी के 72 साल बाद भी न्यायपालिका में आरक्षित वर्ग के न्यायाधीशों की संख्या में कमी देखी गई है। वे बोलीं कि हम इस मुद्दे को संसद में भी उठा चुके हैं। हमें उम्मीद है कि इस दिशा में सरकार कोई सकारात्मक कदम उठाएगी।

मिर्जापुर से सांसद हैं अनुप्रिया पटेल

गौरतलब है कि अपना दल (एस) की नई अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज कर संसद पहुंची हैं। पिछली बार मोदी मंत्रिमंडल में वे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री थीं। हालांकि, मोदी सरकार-2 में उन्हें मंत्रिंडल में जगह नहीं मिली है।

क्यों अपना दल दो खेमों में बंटा?

बता दें कि डॉ.सोनेलाल पटेल ने अपना दल की नींव रखीं थी और उनके निधन के साथ पार्टी की कमान उनकी पत्नी कृष्णा पटेल ने संभाली। सहयोग में बेटी अनुप्रिया पटेल भी साथ खड़ीं रहीं। 2012 के विधानसभा चुनाव में अनुप्रिया वाराणसी की रोहनिया सीट से लड़ीं और जीतीं। 2014 में बीजेपी के साथ मिलकर अपना दल चुनावी मैदान में उतरी और अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर सीट जीतकर सांसद चुनी गईं। जिस कारण रोहनिया विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। ऐसा कहा जाता है कि रोहनिया सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट को लेकर मां-बेटी के बीच जंग शुरू हुई। ये विवाद इतना बढ़ गया कि कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया पटेल को समर्थकों संग पार्टी से बाहर निकाल दिया। इसके साथ ही, अपना दल दो खेमों में बंट गई। एक मां की पार्टी 'अपना दल (कृष्णा)' और दूसरी बेटी की पार्टी 'अपना दल (सोनेलाल)'। 2019 का चुनाव अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) की टिकट पर लड़ा और एक बार फिर मिर्जापुर सीट से जीतकर संसद पहुंचीं।