Uttarakhand News: उत्तराखंड की राजनीति में उस वक्त गर्माहट आ गई जब राज्य सरकार में दायित्वधारी राज्य मंत्री विश्वास डाबर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. 25 सेकंड के इस वीडियो में मंत्री डाबर एक भगवा वस्त्रधारी व्यक्ति को कथित तौर पर धमकाते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में प्रयुक्त भाषा और तेवरों को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है, वहीं मंत्री विश्वास डाबर ने सफाई देते हुए कहा है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है

वायरल वीडियो में विश्वास डाबर कथित रूप से कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, “पूरे उत्तराखंड में जांच चल रही है. हमने 180 लोगों को भेजा है. जो नहीं माने उनके पैरों में गोली मारी. हमारे यहां कुछ गुंडों ने मर्डर कर दिया था. जिसके ऊपर क्रिमिनल केस है, उसे उठा कर बाहर फेंक रहे हैं. जो शराफत से जा रहा है ठीक, नहीं जा रहा है तो गोली मारकर भेज देंगे. अब बताओ क्या चाहते हो?” इस पर सामने बैठा व्यक्ति कहता है, “गोली लगवा दीजिए अभी.” इसके बाद मंत्री पुलिसकर्मियों से कहते हैं, “गिरफ्तार करो इनको.”

कांग्रेस का पलटवारवीडियो को कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दासौनी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर करते हुए राज्य सरकार से सवाल किया है कि क्या उत्तराखंड में अब डर और धमकी की राजनीति चलेगी? उन्होंने पूछा कि क्या एक जिम्मेदार पद पर बैठे मंत्री को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना शोभा देता है? उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान लोकतंत्र और कानून व्यवस्था पर सीधा हमला हैं.

इस पूरे मामले पर एबीपी लाइव से बातचीत में राज्य मंत्री विश्वास डाबर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वीडियो को काट-छांट कर प्रस्तुत किया गया है, जिससे उनकी छवि खराब की जा सके. यह व्यक्ति पंजाब का रहने वाला है और अपराधी प्रवृत्ति का है. यह व्यक्ति कुछ महिलाओं को धमका रहा था और आश्रम पर कब्जा करने की फिराक में था. इसकी जानकारी मिलने पर वे मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने पहले उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वह खुद ही उलझने लगा.

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क्या बोले मंत्रीडाबर ने आगे बताया, “इस व्यक्ति के खिलाफ उत्तराखंड और पंजाब दोनों जगह कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. क्या ऐसे अपराधियों के लिए हमदर्दी के फूल झड़ेंगे? यदि कोई राज्य में अपराध करता है या करने की नीयत रखता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.” फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वीडियो कब का है और किस परिस्थिति में यह बातचीत हुई. यह भी जांच का विषय है कि वीडियो एडिटेड है या नहीं. 

लेकिन इतना जरूर है कि इस वीडियो ने प्रदेश की राजनीति में उबाल ला दिया है और सत्ताधारी नेताओं की कार्यशैली पर बहस छिड़ गई है. अब देखना होगा कि जांच में सच क्या सामने आता है, क्या यह वीडियो एक मंत्री की सच्ची अभिव्यक्ति है या किसी राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा? वहीं इस मामले में विश्वास डाबर ने कहा है कि मेरी छवि खराब करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करूंगा.