Milkipur By Election Exit Poll 2025: उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी, बुधवार को मतदान हुए. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए अनंतिम आंकड़ों के अनुसार शाम 5 बजे 65.53 फीसदी मतदान हुआ है. मिल्कीपुर उपचुनाव में हुए हालिया मतदान ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव के मतदान के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर में 51.08 फीसदी जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

साल 2024 के आम चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फैजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से अवधेश प्रसाद के चुनाव जीतने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हो गई थी. सीट खाली घोषित होने के करीब 8 महीने बाद उपचुनाव कराए गए. सपा ने इस सीट पर अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतारा. इस उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया था. हालांकि नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सपा के बागी संतोष उर्फ सूरज चौधरी को मौका दिया.

सपा-बीजेपी दोनों की प्रतिष्ठा का दांव परइस सीट पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी, दोनों की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है. सपा जहां इस सीट पर अपना वर्चस्व बनाए रखना चाह रही थी तो वहीं बीजेपी, 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर मिली हार की टीस को कम करना चाहती थी. अब जबकि मतदान संपन्न हो गए हैं और परिणाम 8 फरवरी को आएंगे, इससे पहले एबीपी लाइव ने अयोध्या में कार्यरत स्थानीय पत्रकारों से बात कर जमीनी हालात जानने की कोशिश की है. 

एबीपी लाइव ने मिल्कीपुर चुनाव के सिलसिले में 6 पत्रकारों से बात कर के अयोध्या का जमीनी एग्जिट पोल निकालने की कोशिश की है. 6 में से 5 पत्रकारों ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया कि इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के चंद्रभानु पासवान जीत सकते हैं तो वहीं 1 ने कहा कि समाजवादी पार्टी के जीतने के आसार ज्यादा हैं.

पत्रकार निमिष गोस्वामी ने दावा किया कि यह सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है. इसके पीछे वजह बताते हुए गोस्वामी ने कहा कि चंद्रभानु पासवान पहले से राजनीति में सक्रिय हैं. वहीं अजीत प्रसाद का यह पहला चुनाव था. इसके अलावा ब्राह्मण बाहुल्य सीट होने की वजह से भी बीजेपी को फायदा मिला है. 

पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि मिल्कीपुर सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है. साल 2022 के चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए अजय ने कहा कि अयोध्या जनपद की यह इकलौती सीट थी, जहां बीजेपी नहीं जीती थी. ऐसे में इस बार पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी, जिसका परिणाम 8 फरवरी को देखने को मिल सकता है.

पत्रकार प्रवेश पांडेय ने कहा कि इस सीट पर बीजेपी आगे है. हालांकि जीत और हार के सवाल पर पांडेय ने कहा कि दोनों दलों के बीच 65-35 फीसदी का अनुपात है. मुकाबला इतने कांटे का था कि हार जीत का आंकलन करना आसान नहीं है.

पत्रकार सत्य प्रकाश ने मिल्कीपुर सीट बीजेपी के खाते में जाने की संभावना जताते हुए कहा कि जिस तरह की सियासी गोलबंदी साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हुई थी, वह सपा की ओर से इस चुनाव में नहीं दिखी. सपा कुछ मोर्चों पर कमजोर रही. 

पत्रकार भानु प्रताप सिंह ने भी मिल्कीपुर सीट को बीजेपी के पक्ष में जाने की संभावना जताई. अपने इस दावे के पीछे सिंह का कहना था कि फैजाबाद सीट पर मिली हार को बीजेपी ने एक चुनौती की तरह लिया और मिल्कीपुर के उपचुनाव में पूरी फौज उतार दी. ऐसे में सपा के मुकाबले बीजेपी की जीत की संभावना ज्यादा है.

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पत्रकार बमबम यादव ने कहा कि चूंकि इस सीट से अवधेश प्रसाद खुद विधायक रहे हैं ऐसे में वह इलाके से वाकिफ हैं. इसलिए अजीत प्रसाद के लिए जीत की राह आसान है. उनका कहना है कि अखिलेश समेत अन्य नेताओं के प्रचार का असर परिणाम में दिख सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि इस बार बसपा सियासी मैदान में नहीं है, ऐसे में उसके वोट भी सपा की ओर से जाने की संभावना है.