उत्तर प्रदेश के मेरठ में पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा और तीखा बयान दिया है. उन्होंने घोषणा की कि यूपी की सभी 403 विधानसभा सीटों पर गौ-रक्षकों को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा. इतना ही नहीं, पश्चिमी बंगाल में भी उनके प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि 10 और 11 मार्च को दिल्ली में संतों की एक बड़ी सभा बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.

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शंकराचार्य ने कहा, “साधु-संतों के आशीर्वाद से चल रही जो भी सरकार गौ-हत्या के मुद्दे पर गंभीर नहीं है, उनसे आशीर्वाद वापस लेने पर पुनर्विचार किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करने से पहले हिंदू बनना पड़ेगा, जबकि आज की स्थिति में हम ठीक से हिंदू भी नहीं बन पा रहे हैं.”

पीएमओ का नाम बदलने से नाराज

पीएमओ का नाम ‘सेवातीर्थ’ रखे जाने पर भी शंकराचार्य नाराज दिखे. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री आवास में कौन सा ऐसा पानी है, जिसमें नहाने से पाप धुल जाएंगे. वहां लोग चमड़े के जूते पहनकर जाएंगे, मांस भी खाया जाएगा, ऐसे में ‘तीर्थ’ शब्द हटाया जाना चाहिए.” उन्होंने चेतावनी दी कि इस मुद्दे पर आंदोलन भी किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.

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कांग्रेस और भाजपा पर तंज कसते हुए शंकराचार्य ने दोनों की स्थिति पति-पत्नी जैसी बताई. उन्होंने कहा कि भाजपा जो करे कांग्रेस उसे खराब बताती है और कांग्रेस जो करे भाजपा मजबूरी में उसे अच्छा कहती है.

घुसपैठ के मुद्दे पर सरकार को घेरा

घुसपैठियों के मुद्दे पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “जब 20 साल तक सरकार में रहते हुए घुसपैठियों को आने दिया गया, तो अब उन्हें बाहर निकालने के नाम पर वोट क्यों मांगा जा रहा है.” उन्होंने जनता को मूर्ख समझने का आरोप लगाया. वहीं एसआईआर को उन्होंने सही बताते हुए कहा कि यदि मतदाता सूची को परिस्कृत किया जा रहा है तो इसमें आपत्ति की क्या बात है.

बाबर के नाम पर मस्जिद स्वीकार्य नहीं

मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के निर्माण से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि बाबर के नाम पर मस्जिद होना स्वीकार्य नहीं है.