Meerut News: मेरठ में 220 केवी ट्रांसमिशन में ट्रांसमिशन के लापरवाह और बेपरवाह अफसरों की वजह से भीषण आग लग गई. आग की लपटे तेजी से फैलने लगी और इससे भगदड़ मच गई. अगर ये आग स्विच यार्ड में पहुंच जाती तो मेरठ में ब्लैक आउट हो जाता और लाखों लोग भीषण गर्मी में बिजली और पानी को तरस जाते. अब सवाल उठ रहा है कि इस लापरवाही कर लखनऊ से क्या बड़ा एक्शन होगा.
मेरठ में दिल्ली देहरादून हाईवे के किनारे दौराला में 220 केवी ट्रांसमिशन मोदीपुरम है. यहां से शहर और देहात के बड़े इलाके या यूं कहें कि ज्यादातर मेरठ को बिजली सप्लाई होती है. अचानक से तारों से चिंगारी उठी और बिजलीघर में झाड़ियों और घास फूंस में लग गई. चूंकि चारो तरफ झाड़ियां ही झाड़ियां थी और गर्मी के वजह से सूखी थी तो आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया. कई फीडर बंद कर दिए गए इससे कई इलाकों में दोपहर में अंधेरा छा गया. ट्रांसमिशन के कर्मचारी भाग खड़े हुए और पूरा इलाका आग की लपटों से घिर गया. काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया.
स्विच यार्ड में लगती आग तो लाखों लोग होते प्रभावित220 केवी ट्रांसमिशन मोदीपुरम में आग स्विच यार्ड से बाहर की तरफ लगी थी. लेकिन धीरे धीरे स्विच यार्ड की तरफ बढ़ रही थी.अगर आग स्विच यार्ड तक पहुंच जाती तो मेरठ में अंधेरा छा जाता. शहर से देहात तक बिजली ही नहीं भीषण गर्मी में लोग पानी को तरस जाते. शुक्र रहा कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया.22 केवी मोदीपुरम ट्रांसमिशन बिजलीघर के स्विच यार्ड में आग लगने से अमहेडा बिजलीघर के दो फीडर समेत कई फीडर की बिजली गुल हो जाती और लाखों लोग भीषण गर्मी में बिजली पानी को तरस जाते और हाहाकार मच जाता.
मेंटेनेंस के नाम पर अफसर लापरवाह220 केवी ट्रांसमिशन मोदीपुरम के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च हुए होंगे. लेकिन मेंटीनेंस के नाम पर ट्रांसमिशन के अफसर लापरवाह नजर आए. इतने बड़े बिजलीघर पर झाड़ियों के जंगल और घास फूस है, जिसे साफ करने की जहमत अफसरों ने नहीं उठाई. नतीजा तारों से चिंगारी उठी और झाड़ियों के साथ घास फूस में लगकर चारों तरफ फैलने लगी. चूंकि झाड़ियां और घास काफी पुरानी और सूखी थी इसलिए आग पकड़ ली और देखते ही देखते जंगल की आग की तरह फैलने लगी.
मामले को छिपाते रहे ट्रांसमिशन के अफसरभीषण गर्मी में 22केवी ट्रांसमिशन में आग लगने की घटना को ट्रांसमिशन के अफसर पर्दा डालने की कोशिश करते नजर आए.इस बारे में जब हमने ट्रांसमिशन के चीफ इंजीनियर सतेंद्र सिंह से बात की तो बोले छोटी सी आग थी, लेकिन जब वीडियो में भीषण आग और फायर ब्रिगेड के आग बुझाने की बात कही तो उन्होंने कहा हमने समय रहते आग पर काबू पा लिया कुछ फीडर आग की वजह से बंद करने पड़े, लेकिन जब लापरवाही पर बात की गई तो खामोश हो गए. हालांकि ये देखने वाली बात होगी कि इस लापरवाही पर क्या लखनऊ से कड़ा एक्शन होगा.
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