Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक अहम फैसले में अपने भतीजे आकाश आनंद को एक और मौका देने की घोषणा की है. मायावती ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चार अलग-अलग पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है. मायावती का फैसला ऐसे समय पर आया है जब आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर उनसे माफी मांगी थी और पार्टी में फिर से मौका देने की अपील की थी. 

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पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर लिखा कि आकाश आनंद ने अपनी सार्वजनिक पोस्ट के जरिए अपनी पुरानी गलतियों को स्वीकार किया है. उन्होंने वरिष्ठ पार्टी नेताओं को पूरा आदर देने और अपने ससुर की बातों में आगे न आने का संकल्प लिया है. मायावती ने लिखा कि इन बातों को देखते हुए उन्हें पार्टी और बहुजन मूवमेंट के हित में एक और मौका देने का निर्णय लिया गया है.

मायावती ने अपने उत्तराधिकारी बनाए जाने पर भी दी प्रतिक्रिया

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हालांकि मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी उनके उत्तराधिकारी के रूप में किसी को भी तय करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा, “जब तक मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं, तब तक कांशीराम जी के रास्ते पर चलकर पार्टी और मूवमेंट के लिए पूरी तन्मयता से काम करती रहूंगी.”

आकाश आनंद को बीएसपी ने कुछ महीने पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के चलते बाहर कर दिया था. सूत्रों के अनुसार, वह संगठनात्मक फैसलों में दखल और कुछ सार्वजनिक बयानों को लेकर विवादों में आए थे. पार्टी से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधा और अपनी गलती स्वीकार की. अब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का वादा करते हुए दोबारा पार्टी के प्रति निष्ठा जताई है.

आकाश आनंद के ससुर की नहीं होगी बसपा में एंट्री

हालांकि मायावती ने यह भी साफ कर दिया कि आकाश आनंद के ससुर और बीएसपी के पूर्व वरिष्ठ नेता अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में दोबारा शामिल करने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा, “अशोक सिद्धार्थ की गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियाँ अक्षम्य हैं. उन्होंने न केवल संगठन को नुकसान पहुँचाया बल्कि आकाश के राजनीतिक भविष्य को भी भटकाने की कोशिश की.”

2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है बसपा

यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब बहुजन समाज पार्टी 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है. पार्टी का फोकस दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के वोटरों को दोबारा संगठित करने पर है. मायावती द्वारा आकाश को फिर से मौका देना एक रणनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है ताकि युवा नेतृत्व को तैयार किया जा सके और पार्टी में नई ऊर्जा लाई जा सके.

मायावती पार्टी की सख्त अनुशासन नीति पर कायम

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जहां एक तरफ मायावती पार्टी की सख्त अनुशासन नीति पर कायम हैं, वहीं उन्होंने यह भी दर्शाया है कि अगर कोई गलती मानकर सुधार करना चाहे, तो उसे अवसर भी दिया जा सकता है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आकाश आनंद इस मौके को कैसे निभाते हैं.

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