Bakrid 2025: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बकरीद से पहले शुक्रवार, 6 मई को जुमे की नमाज से पहले इमामों को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में रजवी ने मांग की है कि इमामों को अपने संबोधन में कुछ अहम मुद्दों को शामिल करना चाहिए. रजवी की मांग है कि इस संबोधन में पाकिस्तान के आंतकी कामों की निंदा की जाए.

रजवी ने कहा 'आज मैंने हजारों ईदगाह इमामों और लाखों मस्जिद इमामों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है. इस पत्र में मैंने अनुरोध किया है कि ईद-अल-अज़हा के दिन जब बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं, तो इमामों को कुछ महत्वपूर्ण संदेश शामिल करने चाहिए.

उन्होंने कहा कि मैंने उनसे पहलगाम में किए गए क्रूर और कायराना आतंकवादी कृत्य की निंदा करने का आग्रह किया है, जिसे पाकिस्तान से अंजाम दिया गया था. उन्हें भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बारे में भी नमाज़ियों को बताना चाहिए, जिसमें आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया था.'

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टी राजा, नंदकिशोर गुर्जर पर साधा था निशानाइससे पहले रजवी ने कहा था कि ईद-उल-अजहा की नमाज 7 जून को अदा की जाएगी और उस दिन से कुर्बानी की रस्म तीन दिनों तक जारी रहेगी. ज्यादातर लोग पहले दिन कुर्बानी देते हैं. इस संबंध में भारत में कुछ और ताकतें भी हैं, जो कह रही हैं कि कुर्बानी पर रोक लगनी चाहिए, जैसे हैदराबाद के टी राजा, मुंबई के नितीश राणे रामभद्राचार्य और गाजियाबाद के विधायक नंद किशोर गुर्जर. ये वो लोग हैं जो कह रहे हैं कि कुर्बानी पर रोक लग गई है. ये कैसे संभव है? 

उन्होंने कहा था कि ये कोई आज की नई परंपरा नहीं है. ये कोई नया त्योहार नहीं है, बल्कि ये त्योहार साढ़े चौदह सौ सालों से मनाया जा रहा है. ये परंपरा पुरानी परंपरा के अनुरूप है. हम कोई नई परंपरा नहीं डाल रहे हैं, न ही ये त्योहार नया है. ये शहर इस्लाम है. मुसलमान किसी भी हालत में कुर्बानी करना बंद नहीं कर सकते. ऐसा नहीं हो सकता कि हम कुर्बानी न करें.