Operation Sindoor: भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले POK में स्थित कुछ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर बड़ी कार्रवाई की है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह जवाबी कदम उठाया गया. सेना की इस कार्रवाई को लेकर पूरे देश में राहत और संतोष का माहौल है. आम जनता के साथ-साथ अमन पसंद तबकों ने भी इसे एक जरूरी और आत्मरक्षा में उठाया गया फैसला बताया है.
इसी बीच देवबंद के जाने-माने इस्लामी विद्वान और जमीयत दावातुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा, “हिंदुस्तान एक अमन पसंद मुल्क है. मगर जब कोई हमारी सरहदों को लांघे या मासूम नागरिकों को निशाना बनाए, तो जवाब देना जरूरी हो जाता है. भारतीय सेना की कार्रवाई एक साहसिक और जिम्मेदार कदम है, जो देश की हिफाजत के लिए जरूरी था.”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी भी धर्म या कौम की पहचान नहीं है. यह इंसानियत का दुश्मन है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. कारी गोरा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले को बेहद अफसोसनाक और दुखद बताया, जिसमें देश के कई जवान और नागरिक शहीद हुए.
उन्होंने आगे कहा, “हम भारतीय मुसलमान हैं, और इस देश की मिट्टी से हमारा रूहानी रिश्ता है. जब भी देश पर संकट आता है, हम सबसे आगे खड़े होते हैं. हमें अपनी सेना पर गर्व है, और हम दुआ करते हैं कि अल्लाह उन्हें हर बुरे इरादे से महफूज रखे.” मौलाना गोरा ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की शांति को उसकी कमजोरी समझना भूल होगी. “हमें मजबूर न किया जाए कि हम अपनी मर्जी से जवाब देने पर उतर आएं. अमन की बात हमारी मजबूरी नहीं, हमारी सोच है. लेकिन सरहदों की हिफाजत और नागरिकों की जान की कीमत पर कोई समझौता नहीं हो सकता,” उन्होंने दो टूक कहा.
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब देश में आतंकवाद को लेकर जनमानस में गुस्सा है और एकजुटता की जरूरत सबसे ज्यादा है. मौलाना गोरा का यह संदेश भारत के मुस्लिम समाज की देशभक्ति और जिम्मेदारी का प्रतीक है, जो यह साबित करता है कि अमन और वफ़ादारी ही हमारी असली पहचान है.