Bareilly News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संचालक मोहन भागवत ने शनिवार को लखनऊ में एक मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा था कि संघ के कार्यकर्ता विभिन्न धर्मों के मानने वालों के साथ ही मुसलमानों से भी बातचीत करें और संपर्क बनाएं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि संघ प्रमुख के इस बयान का मैं स्वागत करता हूं, इससे हिन्दू और मुस्लिम के तनावपूर्ण माहौल को शांत करने में बेहतरी आएगी और देश में जगह-जगह नेताओं द्वारा दिये जा रहे नफरती भाषणों पर लगाम लगेगी.
मौलाना ने कहा कि देश में सबसे बड़ा संगठन आरएसएस है. इस हकीकत से कोई इंकार नहीं कर सकता अगर संघ के कार्यकर्ता अपने प्रमुख की बातों को मानकर जमीनी स्तर पर अच्छा वातावरण बनाने में लग जाए तो हिन्दू और मुसलमानों के दरम्यान एक अच्छा और खुशहाल माहौल स्थापित हो सकता है. उन्होंने कहा कि पूरे भारत से नफ़रत का खात्मा होगा और मोहब्बत की खुशबू हर शहर और हर गांव से महकने लगेगी.
खत्म करें टकराव की पॉलिसी मौलाना ने आगे कहा कि देश और समाज की तरक्की और भलाई के लिए बहुत जरूरी है कि संवाद की शुरुआत की जाए. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा सरकार और मुसलमानों के दरम्यान डायलॉग की वकालत की है और उलेमा द्वारा जारी मुस्लिम एजेंडे में भी सरकार व लीडरों और मुसलमानों के बीच बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है. बस जरूरत इस बात की है कि इन तमाम मुद्दों पर हुकूमत और संघ के जिम्मेदाराना डायलॉग का सिलसिला शुरू करें. मौलाना ने मुसलमानों से अपील की है कि टकराव की पॉलिसी को खत्म करें और भाईचारा व इत्यहाद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं, इससे समाज की तरक्की होगी और देश की तरक्की में भागीदार बनेंगे.
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