Uniform Civil Code: लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता पर आम जनता से विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है और समान नागरिक संहिता लाने की तैयारी तेज हो गई है. वहीं इसे लेकर कई पार्टी और कई नेता विरोध कर रहे हैं. इसी बीच समान नागरिक संहिता पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना पॉसिबल नहीं है, यूसीसी (UCC) के सिर्फ मुसलमान विरोधी नहीं, सभी धर्मों के अपने पर्सनल लॉ हैं. लोग अपने पर्सनल लॉ पर अमल नहीं कर पाएंगे. गवर्नमेंट को चाहिए ऐसा कानून लागू ना करें, संविधान ने सबको मजहब पर अमल करने की आजादी दी है, मजहब की आजादी पर यूसीसी बड़ी रुकावट है.


देश को केवल नफरत की आग में झोंका- शफीकुर्रहमान बर्क


इससे पहले समाजवादी पार्टी सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने समान नागरिक संहिता का विरोध करते हुए कहा है कि इससे इस देश में केवल नफरत ही फैलेगी. इसके साथ ही सपा सांसद बर्क ने कहा, "लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और कुछ राज्यों में भी चुनाव होने वाले हैं. इन लोगों (बीजेपी) के पास कोई मुद्दा नहीं है. वे यह नहीं कह सकते कि उन्होंने यह काम किया है क्योंकि उन्होंने देश को केवल नफरत की आग में झोंका है."


विधि आयोग ने नोटिस जारी कर दी जानकारी


बता दें कि विधि आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि बाइसवें विधि आयोग ने एक बार फिर समान नागरिक संहिता पर व्यापक स्तर पर लोगों और मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार मांगने का फैसला किया है. इसमें रुचि रखने वाले इच्छुक लोग व संगठन नोटिस जारी होने की तारीख की 30 दिन की अवधि के अंदर विधि आयोग को अपने विचार दे सकते हैं.


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