उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद की दो तहसीलों में रविवार को पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चंगाई सभा पर छापेमारी की, जिसमें धर्मांतरण के खेल का खुलासा हुआ है. पुलिस को मौके से भारी मात्रा में धार्मिक किताबें मिली है. जिसमें कई आयोजक और लोगों को धर्मांतरण करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है.
पिछले 20 दिनों में बजरंग दल की सूचना पर पुलिस ने लगातार छापेमारी की है. इसी कड़ी में अब तक प्रार्थना सभाओं से 500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है. इस लाइव रेड का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.
धर्मांतरण के खेल का खुलासा
बताया जा रहा है कि इस चंगाई सभा में भोले-भाले ग्रामीणों को लालच और बहकावे में डालकर धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा था. पुलिस की टीम जब मौके पर पहुंची तो कमरे के अंदर जोर-शोर से भजन-कीर्तन चल रहा था. यहां क़रीब 150 लोग मौजूद थे. उनके हाथों में बाइबल थी, जबकि झाल-ढोल की आवाज गूंज रही थी.
आरोपी ने किया चौंकाने वाला दावा
इस धर्मांतरण के खेल का मास्टरमाइंड लालमुनी चौहान है जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. लालमुनी ने इस दौरान बताया कि वो 20 सालों से बीमारी से ग्रस्त था. जादू-टोना और इलाज कराकर थक गया था. तब किसी ने उसे यीशु का नाम लेने को कहा और ऐसा करने पर वो ठीक हो गया. जब उसने ये बात लोगों को बताई तो दूसरे लोग भी उसके साथ जुड़ने लगे.
आरोपी ने दावा किया कि बीमारी के दौरान उसे शैतानी हरकतें सताती थीं और वह किसी से बात नहीं कर पाता था. इसी बीच उसकी मुलाकात केदार नामक व्यक्ति से हुई, जिसने उसे यीशु का नाम लेने की सलाह दी और तभी से वह ठीक हो गया.
इस घटना के बाद अब पुलिस-प्रशासन पर भी उठ रहे हैं कि आखिर जिले में इतने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की भनक उन्हें क्यों नहीं लगी? बजरंग दल और हिंदू संगठनों का कहना है कि वे ही इन सभाओं का पता लगाकर रोकने का काम कर रहे हैं. पुलिस ने मौके पर चार थानों की फोर्स लगाकर दर्जनों लोगों को हिरासत में ले लिया है. इस मामले में लालमुनी समेत दो को गिरफ्तार किया गया है.
इनपुट- राहुल कुमार सिंह
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