Fir Against SP Leader: मऊ सपा नेता और बार काउंसिल के अध्यक्ष, उनके भाई समेत एक अन्य पर जमीन कब्जाने के मामले में मामला दर्ज किया गया है. फाइरिंग का वीडियो वायरल होने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया. साथ ही इसे लेकर वकीलों ने कार्य का बहिष्कार किया. आरोपी सपा नेता वर्तमान बार काउंसिल अध्यक्ष मऊ वीरेंद्र बहादुर पाल 2015 में सीपीएमटी पेपर लीक घोटाले में 4 डॉक्टरों समेत 12 गिरफ्तार होकर जेल गए थे, जो वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर हैं.

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इन पर ये आरोप है

मऊ जिले के थाना सराय लखंसी के अंतर्गत रहने वाले सपा नेता अधिवक्ता विजय बहादुर पाल और उनके भाई अधिवक्ता वीरेंद्र बहादुर पाल दोनों आरोपी भाई बसपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष, पूर्व विधान परिषद सदस्य अधिवक्ता दयाराम पाल के बेटे हैं. 2022 विधानसभा चुनाव से पहले पूरे परिवार ने सपा का दामन थाम लिया था

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इन पर आरोप है कि इन्होंने अपने स्कूल के लिए खरीदी गई जमीन और अपने अगल-बगल के किसानों की जमीन पर हथियार और अपने रसूख के दम पर कब्जा कर लिया और वर्तमान में भी लगातार कब्जा करते जा रहे हैं. इन पर ये भी आरोप है कि पुलिस उनके रसूख के बल पर उल्टे पीड़ित पक्ष को ही परेशान करती है.

लोगों ने पायरिंग का विडियो बना लिया

कुछ दिन पहले लोगों के खेतों को पाटकर जबरदस्ती रास्ता बना लिया गया जिसकी शिकायत करने वह विजय बहादुर पाल के पास पहुंचे. उन्होंने देख लेने की धमकी देते हुए रिवाल्वर निकालकर फायरिंग कर दी थी जिसका वीडियो बनाकर इन लोगों ने वायरल कर दिया. जिसको पुलिस ने संज्ञान में लेते हुए मामले की एफआईआर दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है.

एसपी ने ये कहा

इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कि विजय बहादुर पाल बार काउंसिल के अध्यक्ष के भाई हैं. जिन्होंने एक जमीनी मामले में लोगों को दहशत पैदा करने के नियत से फायरिंग किया. जिसके परिपेक्ष में उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है जिसकी विवेचना की जा रही है आज इसी के चलते अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार किया है.

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