UP News: श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर एवं ईदगाह केस के हिंदू पक्षकार पं दिनेश फलाहारी ने कहा मुस्लिम कारीगरों से बनी पोशाकें भगवान के अर्पित योग्य नहीं हैं. श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने सेवायतों को पत्र सौंप कर इस पर रोक लगाने की मांग की है.
श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर ईदगाह केस के हिंदू पक्षकार पं दिनेश फलाहारी ने सप्त देवालय सहित बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आचार्यों को पत्र सौंप कर भगवान की पोशाक (वस्त्र) विधर्मी मुस्लिम कारीगरों से ना बनवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि भगवान की पोशाक शुद्धता का प्रतीक होनी चाहिए जो हमारे भगवान को नहीं मानते, गौ माता को काटकर खाते हैं.
उन्होंने कहा हम अपने धार्मिक कार्यों एवं धार्मिकता से जुड़े व्यापार में उनका हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेंगे. बांके बिहारी मंदिर के सेवायत अशोक गोस्वामी, आचार्य ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी को पत्र सौंप कर अपनी मांग रखी. पं बिहारी लाल वशिष्ठ, पुष्टिमार्गीय आचार्य श्री हरि सुरेषाचार्य ने कहा कि संपूर्ण ब्रजमंडल के अधिकांश मंदिरों में पुष्टिमार्ग के आधार पर ठाकुर जी की अपरस सेवा होती है जो अपने आप में अत्यंत शुद्धता का प्रतीक है.
पंडित दिनेश फलाहारी ने कहा कि फिर यदि कोई विधर्मी जो हमारे धर्म को नहीं मानता उसके हाथों से बनी कोई भी वस्तु ठाकुर जी को अर्पित नहीं की जा सकती और जो लोग ऐसा कर रहे हैं वह घोर पाप के भागी है. राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पाठक ने कहा कि यदि इस मांग पत्र को वरीयता ना देकर इस कुकर्म को नहीं रोका गया तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
वहीं दूसरी तरफ श्री अनंत विहारी गोस्वामी बांके बिहारी मंदिर सेवायत जी ने बताया कि पुराने समय से ही 99% पोशाक और श्रृंगार से संबंधित कार्य मुस्लिम कारीगरों द्वारा ही किया जा रहा है. मुस्लिम कारीगर पुराने समय से ही अगर ठाकुर जी की पोशाक बना रहे हैं तो उसमें कोई परेशानी कोई दोष नहीं होना चाहिए. क्योंकि जो ठाकुर जी की सेवा कर रहा है वह सब ठाकुर जी का भक्त होता है हिंदू और मुस्लिम कुछ नहीं होता. कुछ लोग इस तरह का प्रोपेगेंडा कर कर उनके परिवार से रोजी-रोटी छीनना चाहते हैं.