उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद से धोखाधड़ी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है, भारतीय स्टेट बैंक की छावनी स्थित शाखा में गौसेवा के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करके 21 करोड़ रुपये की ठगी की गई है. फिलहाल इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
बताया गया कि घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता और सरगना फिलहाल अभी पुलिस की पकड़ से दूर है. पुलिस ने बताया कि वह उसकी तलाश कर रही है. गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस को एक मोबाइल फोन, दो फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं.
ऐसे खुला जालसाजों का राज
जिले के साइबर थाना के प्रभारी प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपियों की कारगुजारी का पता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की छावनी शाखा के प्रबंधक को उस समय लगा, जब पिछले माह 27 अगस्त को उनके यहां गौसेवा ट्रस्ट के नाम से चालू खाता खोलने वालों के खाते में जमा रकम में से केवल सात लाख रुपये छोड़ कर बाकी 20 करोड़ 93 लाख रुपये दो-तीन दिन में ही अन्य खातों में अंतरित कर दिये गए.
पुलिस ने बताया कि उक्त धनराशि उनके संयुक्त खाते में बीते चार से सात सितंबर के बीच विभिन्न खातों से जमा कराई गई थी. एक ट्रस्ट द्वारा इस प्रकार पूरी रकम निजी खातों में जमा किये जाने और फिर अचानक से ही अन्य खातों में इसे अंतरित किए जाने पर प्रबंधक को दाल में कुछ काला नजर आया, तो उन्होंने खाता ‘होल्ड’ करके एक खाताधारक को इसकी सूचना देकर कारण जानने का प्रयास किया. लेकिन उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला.
अलग-अलग राज्यों से मिली 144 शिकायतें
दूसरी ओर साइबर अपराध थाने को ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिकॉर्ड पोर्टल’ (एनसीआरपी) के माध्यम से 10 दिनों के भीतर आगरा, अलीगढ़ के साथ ही राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु समेत देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों से ऑनलाइन कुल 144 शिकायतें प्राप्त हो चुकी थीं.
सरगना की तलाश में जुटी पुलिस
इसके बाद उक्त खाता खोलने वाले गौतम उपाध्याय निवासी लक्ष्मीपुरम कॉलोनी, शिवम कुमार और गोविंद कुमार निवासीगण सुंदरवन, बालाजीपुरम के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक विधिक कार्रवाई की गई. अब पुलिस करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले सरगना का पता लगाने के साथ -साथ इस बात का भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर इन लोगों ने इतने बड़े ठगी कांड को कैसे अंजाम दिया.