Mana Rescue Operation : उत्तराखंड के चमोली जिले के गांव माणा में हिमस्खलन स्थल पर करीब तीन दिन चले बचाव अभियान में शामिल अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि लगातार हो रही बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में कई फुट की गहरी बर्फ में फंसे मजदूरों को बचाना बेहद चुनौतीपूर्ण था.

शुक्रवार को हुए हिमस्खलन में फंसे 54 श्रमिकों में से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया था जबकि आठ अन्य श्रमिक मृत अवस्था में मिले थे. चार मजदूरों के शव शनिवार को बरामद हुए जबकि चार अन्य के शव रविवार को बरामद किए गए थे.

भारत तिब्बत सीमा पुलिस के उप महानिरीक्षक मनु महाराज ने बताया, 'अभियान में शामिल रही विभिन्न एजेंसियों को हिमस्खलन के कारण फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए शून्य से नीचे 10-15 डिग्री सेल्सियस तापमान और लगातार हिमपात से जूझना पड़ा.'

उन्होंने कहा, 'माणा जाने वाले मार्ग भी अवरुद्ध थे लेकिन फिर भी जिस अभियान का वे भी हिस्सा थे, वह सफलतापूर्वक संपन्न हो गया.' चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने भी बचाव अभियान में शामिल रही विभिन्न एजेंसियों की उनके बेहतरीन समन्वित प्रयासों के लिए तारीफ की.

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तिवारी ने कहा, 'सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के समन्वित प्रयास के बिना रिकॉर्ड समय में अभियान पूरा नहीं हो पाता.'

DM ने दी ये जानकारीजिलाधिकारी ने बताया कि अंतिम लापता मजदूर के शव को सोमवार को हेलीकॉप्टर से ज्योतिर्मठ लाया गया जो रविवार शाम बरामद किया गया था. उन्होंने बताया कि शव का पोस्टमार्टम और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा.

इस बीच, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में उपचार करा रहे गंभीर रूप से घायल दो मजदूरों का हालचाल लिया. उन्होंने मजदूरों और उनके परिजनों से भी मुलाकात की. मंत्री ने श्रमिकों के उपचार के संबंध में चिकित्सकों से बात की. अस्पताल के बाहर अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने घायल मजदूर अशोक और पवन का हालचाल जाना तथा उनके परिजनों से भी मिले.

अग्रवाल ने कहा, 'चिकित्सक मजदूरों की अच्छी देखभाल कर रहे हैं. मैं उनके पूर्ण स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.'