महोबा में फसल बीमा घोटाले और खाद संकट को लेकर किसानों का प्रदर्शन, CBI से जांच कराने की मांग
Mahoba News: किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहा, जबकि हजारों किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है.

महोबा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में हुई धांधली और सोसाइटियों में किसानों को खाद न मिलने की समस्या को लेकर जय जवान जय किसान एसोसिएशन सड़क पर उतर आया है. गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलाब सिंह के नेतृत्व में कीरत सागर स्थित आल्हा मंच पर एकत्र हुए और तिरंगा झंडा व नारे लिखी तख्तियां लेकर सड़कों पर उतर आए. किसानों ने “प्रधानमंत्री फसल बीमा घोटाले की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराई जाए” और “खाद दो या जहर दो” जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर नारेबाजी की है.
किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़े स्तर पर धांधली हुई है, जिसकी जांच की रफ्तार अब धीमी पड़ गई है. इफको-टोकियो बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है. किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहा, जबकि हजारों किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला है. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मांग की कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच महोबा प्रशासन से हटाकर सीबीआई या एसआईटी से कराई जाए, ताकि दोषियों को सजा मिल सके. किसानों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति में काम कर रही सरकार के साथ हम किसान भी प्रधानमंत्री फसल बीमा में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क पर उतरे है.
वहीं किसानों ने खाद की समस्या को लेकर भी नाराजगी जताई. किसान नेता राम सहाय राजपूत आदि का कहना है कि शासन स्तर पर भले ही खाद की कमी से इनकार किया जा रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है. समितियों पर किसानों की लंबी लाइनें लगती हैं और कई बार खाली हाथ लौटना पड़ता है. इससे किसानों की बुवाई प्रभावित हो रही है. किसानों ने कीरत सागर से पैदल मार्च करते हुए उदल चौक, आल्हा चौक होते हुए तहसील कार्यालय पहुंचकर एक सभा की. इसके बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया, जिसमें फसल बीमा घोटाले की जांच में तेजी लाने और खाद संकट दूर करने की मांग की गई. संगठन ने चेतावनी दी कि अगर किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ तो फिर आंदोलन और व्यापक किया जाएगा.
Source: IOCL
























