महोबा में जीएसटी एसआईबी बांदा टीम पर दो व्यापारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. व्यापारियों ने डीसी अवध पटेल और एसी जुबेर अहमद पर पांच लाख की अवैध वसूली के लिए प्रताड़ित कर धमकाने, मारपीट और दो घंटे तक बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की है.  व्यापारियों का कहना है कि टीम ने पेनाल्टी की धमकी देकर आत्मसम्मान को ठेस और सरेआम अभद्रता और मारपीट की गई. एक तरफ जहां सरकार व्यापारियों को जीएसटी से राहत और हर सुविधा देने का काम कर रही है वहीं जीएसटी विभाग की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठे हैं.

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व्यापारियों ने टीम पर लगाए आरोप

शहर के जीएसटी पंजीकृत दो व्यापारी प्रमोद और प्रदीप पुरवार ने बांदा मंडल से आई टीम पर अवैध वसूली, मारपीट और बंधक बनाने का आरोप लगाया है. व्यापारियों का कहना है कि बीते 11 सितंबर को बांदा एसआईबी टीम जांच के लिए उनके प्रतिष्ठानों पर पहुंची थी. 

व्यापारियों ने आरोप लगाया कि जांच के दौरान अधिकारियों ने व्यापार में गड़बड़ी का बहाना बनाकर दबाव डाला और पेनाल्टी लगाने की धमकी दी. विरोध करने पर एजेंसी परिसर में मारपीट की गई और बाद में उन्हें कानपुर-सागर हाईवे पर स्थित अपना रसोई ढाबे पर ले जाकर करीब दो घंटे तक बंधक बनाया गया. उक्त दोनों व्यापारी गुटखा और सिगरेट का काम करते है. 

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अधिकारियों ने की अभद्रता

व्यापारियों ने कहा कि इस दौरान डीसी अवध पटेल और एसी जुबेर अहमद समेत टीम के अधिकारियों ने गाली-गलौज और अभद्रता की. आरोप यह भी है कि उनसे पांच लाख रुपये की मांग की गई और फोन तक छीन लिया गया. जब उन्होंने पैसा देने से इंकार किया तो गाली-गलौज के बाद छोड़ा गया. 

व्यापारियों का दावा है कि उक्त घटना ढाबे में लगे सीसीटीवी में कैद होगी. दोनों का कहना है कि वे समय पर जीएसटी रिटर्न और टैक्स का भुगतान करते हैं, बावजूद इसके भ्रष्टाचार का शिकार हुए. उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर पत्र भेजकर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है.

व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की घटनाएं सरकार की पारदर्शी व्यापार नीति को असफल बना रही हैं और ईमानदार कारोबारियों में आक्रोश फैला रही हैं. उनका कहना है कि आत्मसम्मान को इतनी ठेस पहुंची है कि आत्महत्या तक करने की नौबत आ गई है.