लखनऊ: खुदा कहो या भगवान, अल्लाह कहो या राम, सभी एक हैं. धर्म सिर्फ एक है और वो इंसानियत. ये कहना है डालीगंज में रहने वाले महबूब अंसारी का जिनका परिवार सालों से प्राचीन शिवालय मनकामेश्वर मंदिर में सेवा करते आ रहे हैं. इन दिनों सावन के सोमवार के दिन महबूब अपने सारे काम धाम छोड़कर इस मंदिर में सेवा करते दिखते हैं. इनकी मौजूदगी सभी को गंगा जमुनी तहजीब का एहसास कराने के साथ बड़ा संदेश देती है.


पिता इस मंदिर में सेवा कार्य करते थे


महबूब अंसारी ने बताया कि, उनके दिवंगत पिता अब्दुल सत्तार अंसारी ने इस मंदिर में सेवा कार्य शुरू किया था. बचपन से महबूब भी अपने पिता साथ इसमे लग गए. तभी से ये परंपरा निभाते आ रहे हैं. महबूब की पत्नी, बेटी भी यहां सेवा करते हैं और आरती में भी शामिल होते हैं. सावन के सोमवार, महाशिवरात्रि या अन्य पर्व पर होने वाली आरती में महबूब किसी भी हाल में यहां आना नही छोड़ते. डालीगंज में मंदिर के पास ही स्थित रहमानी मस्जिद के पास महबूब अंसारी का घर है. यहीं से कारपेंटर का काम भी करते हैं, लेकिन जब मंदिर में सेवा कार्य के लिए आना हो तो बाकी सब काम छोड़ देते हैं.


बिना मास्क के मंदिर में एंट्री नहीं


सावन के दूसरे सोमवार के दिन मनकामेश्वर मंदिर में भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी. सभी भक्तों को मास्क के साथ ही मंदिर में प्रवेश मिला. जिनके पास मास्क नही थे उनको मंदिर में ही मास्क उपलब्ध कराए गए. मंदिर की महंत देव्या गिरी ने बताया कि, आज सावन के सोमवार के साथ नवमी भी है, जिसका बहुत महत्व है. इसके अलावा हाल ही में इस मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भरा एक पत्र आया था जिसके चलते सोमवार को यह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही.


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