गाजियाबाद: गाजियाबाद में बने कैलाश मान सरोवर भवन में आज महाशिवरात्रि के मौके पर 'नमामी गंगे कार्यक्रम' के तहत पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर यात्रियों का जत्था यहां रुका और विभिन कार्यक्रम के माध्यम से जल, गंगा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. इसके अलावा यहां बने मानसरोवर शिवालय पर भक्तों ने पूजा अर्चना की.
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
कैलाश मानसरोवर भवन में दिव्य एवं भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नमामि गंगे, गंगा एवं जल संरक्षण, प्राकृतिक संरक्षण को लेकर श्रद्धालुओं का दल महाशिवरात्रि के दिन करीब 600 किलोमीटर दूर से आया. आज उसका पहला पड़ाव कैलाश मानसरोवर भवन में पड़ा, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पसंदीदा हिंदू आस्था का प्रतीक है. आज महाशिवरात्रि के दिन यहां पर कई धार्मिक कार्यक्रम हुए. गंगा संरक्षण एवं प्रकृति संरक्षण के उद्देश्य को लेकर जो यात्रा चली थी, वह आज यहां पहुंची. कैलाश मानसरोवर भवन में इस यात्रा का स्वागत किया गया. यात्रा का उद्देश्य निर्मल गंगा और पर्यावरण संरक्षण था और पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगे, इसी उद्देश्य के साथ यहां कलश यात्रा सांस्कृतिक कार्यक्रम दीप उत्सव, रंगोली कार्यक्रम आदि का आयोजन किया गया.
कैलाश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु यहां रुकते हैं
आपको बता दें कि, कैलाश मानसरोवर भवन गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में बना है. कैलाश यात्रा के दौरान आने वाले श्रद्धालु और महाशिवरात्रि के पर्व आदि पर यहां श्रद्धालुओं के कार्यक्रम होते हैं. इस कैलाश मानसरोवर भवन के बनने के बाद यह पहला कार्यक्रम है कि, जब नमामि गंगे के तहत पर्यावरण जल संरक्षण के लिए चली यात्रा का जत्था यहां रुका और महाशिवरात्रि के दिन यह रंगारंग कार्यक्रम किए गए. स्थानीय लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए.
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