सीएम योगी ने कहा कि “हमें प्रलय का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि अभी से धरती को हरा-भरा बनाने के प्रयास शुरू करने होंगे.” उन्होंने कुम्भ को आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन पर विचार करने का अवसर बताया.
नदियां सूख गईं या प्रदूषित हुईं तो होगी भयावह स्थिति
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियां धरती की धमनियां हैं. अगर शरीर की धमनियां सूख जाएं या बंद हो जाएं, तो शरीर काम करना बंद कर देगा. "अगर नदियां सूख जाएंगी या प्रदूषित हो जाएंगी, तो हमारी धरती भी बीमार हो जाएगी. पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने 210 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं, जिससे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिली है. साथ ही डीजल से चलने वाली बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी जा रही है."
मर चुकी नदियों को किया जा रहा पुनर्जीवित
सीएम योगी ने कहा कि “हमारी सरकार ने प्रदेश की उन नदियों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है, जो पूरी तरह सूख चुकी थीं. संगम क्षेत्र का विस्तार किया गया और नदियों को चैनलाइज किया गया ताकि उनमें जल प्रवाह बना रहे. आज संगम में हर समय 10000 से 11000 क्यूसेक जल बना रहता है, जिससे श्रद्धालु आसानी से पवित्र स्नान कर पा रहे हैं.” उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या पर जितनी भीड़ पहले एक दिन में होती थी, अब उतनी भीड़ हर दिन संगम में स्नान कर रही है.
श्रद्धालुओं से अपील पार्किंग में ही खड़े करें वाहन
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “हर व्यक्ति अपनी गाड़ी सड़क पर खड़ी कर संगम स्नान के लिए जा रहा है, जबकि पार्किंग स्थल खाली पड़े हैं.” उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे निर्धारित पार्किंग में वाहन खड़ा करें ताकि जाम की समस्या न हो. उन्होंने कहा कि “अगर 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े तो भी परेशानी नहीं उठानी चाहिए, क्योंकि इससे पूरे कुंभ क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनी रहेगी.”
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी जरूरी सीएम योगी ने कहा कि "सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठा रही है, लेकिन आम जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी." उन्होंने कहा कि “क्या हम अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कम कर सकते हैं? क्या हम नदियों को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं? क्या हम वन्य जीवों के प्रति संवेदना रख सकते हैं?”
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे “एक पेड़ मां के नाम और एक पेड़ आस्था के नाम” अवश्य लगाएं, ताकि धरती को हराभरा बनाया जा सके. सीएम योगी ने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
सम्मेलन में संतों और पर्यावरणविदों की भागीदारी
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी चिदानंद सरस्वती, स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और राज्य मंत्री केपी मलिक सहित कई संत, पर्यावरणविद और अधिकारी मौजूद रहे.
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