Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के मामले में महाकुंभ मेला अधिकारी द्वारा अभी तक जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल नहीं किए जाने पर यूपी राज्य मानवाधिकार आयोग ने नाराजगी जताई है. आयोग ने जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए महाकुंभ मेला अधिकारी को चार हफ्ते की और मोहलत दी है.  

महाकुंभ मेला अधिकारी को अब 9 अप्रैल तक भगदड़ की प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. राज्य मानवाधिकार आयोग इस मामले में अब 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा. आयोग अब 15 अप्रैल को दोपहर 1 बजे सुनवाई करेगी.  महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता और सोशल एक्टिविस्ट डा० गजेंद्र सिंह यादव ने शिकायत दर्ज कराई थी.

आयोग द्वारा मृतकों और पीड़ितों की सही संख्या का पता लगाए जाने, जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई किए जाने, सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित किए जाने, लापता लोगों की एफआईआर दर्ज किए जाने और पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा दिए जाने जैसी कई महत्वपूर्ण मांगे की गई थी. यूपी राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में केस दर्ज करने के बाद महाकुंभ मेला अधिकारी से जवाब तलब किया था. 

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दो दिनों से जांच जारीउनसे 7 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. रिपोर्ट दाखिल नहीं होने पर आयोग ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए महाकुंभ मेला अधिकारी को जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक और मौका दिया है. इस बीच न्यायिक जांच आयोग भी प्रयागराज में पिछले दो दिनों से अपनी जांच कर रहा है. 

न्यायिक आयोग को 30 मार्च तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी है. राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई गई शिकायत में दावा किया गया था कि मरता को घायलों और दूसरे पीड़ितों की संख्या सरकारी दावों से कई गुना ज्यादा है. बता दें कि भगदड़ की घटना 28 और 29 जनवरी की दरमयानी रात को हुई थी. जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी.