Maha Kumbh Stampede News: महाकुंभ में लाखों की भीड़ के बीच आधी रात को मची भगदड़ ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मेला प्रशासन का कहना है कि बैरिकेड्स टूटने की वजह से ये हादसा हुआ और इसमें 30 लोगों की जान गई. हादसे में 60 लोग जख्मी हुए हैं.
हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब प्रशासन को यह अंदाजा था कि इतनी बड़ी संख्या में भीड़ आएगी तो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासल अलर्ट क्यों नहीं था? इसकी जांच के लिए योगी सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मौत से प्रश्न उठना स्वाभाविक है. मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान था, इसलिए बहुत प्रेशर था. सीएम ने आगे कहा, ''प्रयागराज में 8 करोड़ श्रद्धालुओं का दबाव था. कल शाम सात बजे से ही श्रद्धालु आ रहे थे, वो ब्रह्म स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे."
क्या इंतजाम में रही कमी?कुंभ के इंतजाम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "इतना भारी दबाव पहली बार देखने को मिला था, पूरे इंतजाम किए गए थे. रेलवे ने भी दबाव को देखते हुए स्पेशल ट्रेन चलाई. यूपी परिवहन निगम भी 8 हजार से ज्यादा बसों को श्रद्धालुओं को घर पहुंचाने में लगा हुआ है. सभी अखाड़ो ने सहयोग किया है. ये सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली हैं, एक सबक वाली भी है.''
कैसे टूटी बैरिकेडिंग और संगम के पास क्यों सो रहे थे लोग?रात के एक से दो बजे के बीच हुए हादसों पर मेला के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान पर्व था. ब्रह्म मुहूर्त से पहले रात के एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना और इसके दबाव के कारण दूसरी ओर से बैरिकेड्स टूट गए. भीड़ के लोग बैरिकेड्स फांदकर दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का इंतजार कर रहे लोगों को कुचलना शुरू कर दिया. इसी वजह से लोगों की मौत हुई हैं.
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