Varanasi News: महाकुंभ के दौरान वाराणसी में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे इसीलिए प्रयागराज के बाद महाकुंभ के दौरान वाराणसी दूसरा आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. माघ पूर्णिमा तक 1 करोड़ 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की बात कहीं जा रही है. वहीं वाराणसी में श्रद्धालुओं के पहुंचने से पर्यटन सहित व्यापार से जुड़े अलग-अलग क्षेत्रों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है. इसी विषय को लेकर पूर्वांचल की सबसे बड़ी विश्वेश्वरगंज मंडी में व्यापारियों से एबीपी न्यूज़ ने बातचीत की. 

विशेश्वरगंज मंडी व्यापार मंडल के पदाधिकारी ओम कृष्ण अग्रवाल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि - महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के वाराणसी आवागमन से व्यापार पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है. सामान्य दिनों में जो वाराणसी के मंडी से 250 ट्रक लोड होते थे इस समय 750 से अधिक ट्रक लोड हो रहे हैं. सीधे तौर पर 3 गुना बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसमें आटा, चावल, दाल, चीनी जैसे राशन के सामान शामिल हैं. 

व्यापारियों ने यह भी कहा कि - इसमें अतिशयोक्ति नहीं की - अब तक की कुंभ अवधि के दौरान ही वाराणसी में 1000 हजार करोड़ से अधिक का व्यापार हो चुका है. महाकुंभ हम सभी के लिए एक उत्सव की तरह रहा. प्रयागराज, काशी, अयोध्या को अगर मिला दिया जाए तो बीते 100 वर्षों में ऐसा प्रभाव हमें नहीं देखने को मिला है. इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया की ट्रैफिक जाम के समय थोड़ी चुनौतियां रही लेकिन ट्रक - माल के आवागमन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा.

डिमांड सप्लाई का प्रॉपर चेन देखा गयाकहा जाता है कि किसी भी वस्तु के डिमांड और सप्लाई की संतुलित व्यवस्था महंगाई को स्थिर करती है. स्वभाविक तौर पर करोड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु पर्यटकों के लिए पर्याप्त मात्रा में सही समय पर राशन की आवश्यकता होगी. जब महंगाई को लेकर मंडी में मौजूद व्यापारियों से बढ़ते खपत के अनुसार बढ़ती महंगाई को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि - वाराणसी भगवान विश्वनाथ के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा की भी नगरी है. यहां कभी अन्न भंडार में कमी नहीं रही. और उसी अनुसार सभी आवश्यक सामान मंडी में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.

इसके अलावा लगातार खपत के बावजूद किसी भी आटा चावल दाल तेल राशन सब्जी जैसे सामान के दाम में कोई भी वृद्धि न हुई. बल्कि उनके दाम सामान्य दर से कम ही रहे हैं. जैसे दाल इस समय  150 रुपए से कम है. व्यापारियों का यह भी कहना है की कुम्भ के दौरान सप्लाई और डिमांड की चेन बेहतर रूप से चलती देखी गई. इसीलिए आवश्यक सामानों के दाम में भी स्थिरता रही.

ये भी पढ़ें: महाकुंभ पर सवाल उठा रहे अखिलेश यादव पर अपर्णा यादव ने दिया जवाब, कहा- उनसे ही...