Prayagraj News: प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर आस्था की लहर उमड़ रही है. महाकुंभ में देश-विदेश से आए संत, महात्मा, कल्पवासी और श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर अमृत स्नान के साथ महाकुंभ में अब तक स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 35 करोड़ को पार कर गई है. सोमवार सुबह 8 बजे तक ही 62 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे. अनुमान है कि महाकुंभ के अंत तक यह संख्या 50 करोड़ के पार जा सकती है.

महाकुंभ में हर दिन लाखों लोग संगम में पुण्य स्नान कर रहे हैं. रविवार, 2 फरवरी को 1.2 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जिससे कुल संख्या 35 करोड़ के करीब पहुंच गई थी, जो सोमवार सुबह पार हो गई. इनमें करीब 10 लाख कल्पवासी, साधु-संत और देश-विदेश के श्रद्धालु शामिल रहे.

कुंभ में सबसे ज्यादा स्नान वाले दिन

  • मौनी अमावस्या (10 फरवरी) को सबसे ज्यादा 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई.
  • मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ भक्तों ने पवित्र स्नान किया.
  • 30 जनवरी और 1 फरवरी को 2 करोड़ श्रद्धालु संगम में पहुंचे.
  • पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई.

महाकुंभ में बड़े नेताओं और हस्तियों की मौजूदगी भी देखी गई, इस ऐतिहासिक स्नान में राजनीति, खेल और फिल्म जगत की कई बड़ी हस्तियों ने भी संगम में आस्था की डुबकी लगाई.

  • गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ स्नान किया.
  • राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल भी कुंभ में पहुंचे.
  • समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, असम विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी और भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी भी शामिल रहे.

महाकुंभ में बॉलीवुड और खेल जगत की हस्तियां भी शामिल रहीं, जिन्होंने संगम में स्नान किया. 

  • अभिनेत्री हेमा मालिनी, अनुपम खेर, भाग्यश्री और मिलिंद सोमन ने कुंभ स्नान किया.
  • कवि कुमार विश्वास, क्रिकेटर सुरेश रैना, पहलवान खली और कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा भी पहुंचे.
  • किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी ने भी पवित्र स्नान किया.

जैसे-जैसे महाकुंभ आगे बढ़ रहा है, श्रद्धालुओं की आस्था का ज्वार और ऊंचा उठ रहा है. यह आयोजन न सिर्फ आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र बना हुआ है, बल्कि भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी विश्वभर में प्रदर्शित कर रहा है. महाकुंभ का यह अद्भुत नजारा एक बार फिर इसकी अनंत आध्यात्मिक महत्ता को सिद्ध कर रहा है.

यह भी पढ़ें- Maha Kumbh 2025: मौनी अमावस्या पर गुम हुए 7500 से अधिक श्रद्धालु, फिर ऐसे हुई मुलाकात