Maha Kumbh 2025 Prayagraj: प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ अब अपने अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है. इस बार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. अब तक 54 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. जिसके पीछे 144 सालों बाद पड़े ग्रह नक्षत्रों का अद्भुत संयोग तो बड़ी माना जा रहा है. ऐसे में लोग अपने जीते-जी महाकुंभ का पुण्य कमाने प्रयागराज की ओर दौड़ पड़े. लेकिन, क्या वाकई में इस बात में सत्यता है? क्या ये सच है कि ऐसा महाकुंभ 44 वर्षों बाद हो रहा है?
दरअसल महाकुंभ का सामान्य चक्र 12 साल में पूरा होता है. पूर्णाकुंभ मेला हर 12 वर्षों में प्रयागराज में आयोजित होता है. ऐसे ही 12 पूर्णकुंभ होने पर महाकुंभ होता है. इस बार महाकुंभ को लेकर 144 सालों का जो दावा किया जा रहा है वो नया नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के दावे होते आए हैं. इससे पहले साल 1989, 2001 और 2013 में ऐसे ही दावे किए गए थे कि यह 144 वर्षों में एक बार हो रहा है.
महाकुंभ के 144 साल वाला दावा सही या नहीं? अगर ऐसा है तो फिर योगी सरकार ने इस बार क्यों दावा किया कि ये महाकुंभ 144 साल बाद हो रहा है. इसका एक राजनीति पहलू भी है. इससे पहले योगी सरकार ने साल 2018 में अर्धकुंभ का नाम बदलकर कुंभ कर दिया, जिससे इसके महत्व को और बढ़ाया जा सके. सरकारी दस्तावेजों में भी इसे लेकर विरोधाभास है. साल 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार के एक दस्तावेज और CAG की रिपोर्ट में 2013 के कुंभ को भी 144 वर्षों में एक बार होने वाला बताया गया था.
इस दावे को लेकर अगर हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन करें तो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की 2013 के कुंभ पर की गई रिसर्च में 2001 के महाकुंभ को 144 वर्षों बाद होने वाला बताया गया था, जिसका ब्रिटिश रिकॉर्ड में कोई जिक्र नहीं है. 1911 में प्रकाशित इलाहाबाद गजेटियर में 144 वर्षों के अंतराल का कोई उल्लेख नहीं, बल्कि 1906 का कुंभ दर्ज है. खगोलीय गणना में भ्रम है. हर कुंभ की खगोलीय गणना सूर्य और बृहस्पति की विशेष स्थितियों पर आधारित होती है, लेकिन 144 वर्षों की कोई मान्यता नहीं है.
अखिलेश यादव ने भी कसा तंजसरकारी वेबसाइटों में भी इसका कोई उल्लेख नहीं है. प्रयागराज जिले की आधिकारिक वेबसाइट और महाकुंभ 2025 की आधिकारिक साइट पर भी 144 वर्षों के दावे का कोई ज़िक्र नहीं है. वहीं इस मुद्दे को लेकर अब सियासत भी हो रही है. समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने महाकुंभ के 144 साल बाद होने के दावे को लेकर सवाल उठाए हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस दावे पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर सफाई देनी चाहिए. सरकार और अखाड़ों को इस भ्रम को दूर करने के लिए स्पष्ट वक्तव्य देना चाहिए कि महाकुंभ 2025 सामान्य 12-वर्षीय चक्र के अनुसार ही हो रहा है.
Input by Dushyant shekhar (Research editorial team)