IITian Baba Abhey Singh: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने जूना अखाड़े में रह रहे आईआईटीएन बाबा अभय सिंह पर निशाना साधा है उनका कहना है कि अखाड़े और उनके गुरु ने अगर आईआईटी बाबा से दूरी बनाई है, तब भी उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए था. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में आई है जब अभय सिंह को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है.

महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अभय सिंह को गुरु और अखाड़े के खिलाफ मर्यादित व नकारात्मक बातें नहीं बोलनी चाहिए थी. वह पढ़े- लिखे विद्वान व्यक्ति हैं, उन्हें अखाड़े की परंपराओं और मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए. इस तरह की हरकत कर उन्होंने अपनी गरिमा गिराई है.

'अभय सिंह साधु नहीं बना था...'उधर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया, 'वह (अभय सिंह) साधु नहीं बना था... लखनऊ से यहां ऐसे ही आ गया था और स्वयंभू साधु बना घूम रहा था.’’ उन्होंने बताया, 'वह महंत सोमेश्वर गुरु के साथ यहां आया था. उसने अपने गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के बारे में सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का उपयोग किया था, इसलिए अखाड़ा के शिविर और आसपास उसके आने पर रोक लगा दी गई है.’

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बता दें अभय सिंह ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में बताया था कि उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई से पढ़ाई करने के बाद ‘एयरोस्पेस इंजीनियरिंग’ में नौकरी की और नौकरी छोड़कर वह संन्यासी बने. यह पूछने पर कि उनके गुरु कौन हैं, उन्होंने कहा, “मैं जो भी मिले, उससे सीख लेता हूं. अखाड़े में भी भगवान शिव ही बताते थे ध्यान कैसे करो. माता-पिता ने पढ़ाने लिखाने पर पैसे खर्च किए, लेकिन प्यार कहां था.”अखाड़ों को लेकर उन्होंने कहा, “मेरी योजना वहां चार-पांच दिन रुकने की थी, और मैं अखाड़ों के काम देखने आया था. लेकिन प्रसिद्धि मिलने के बाद सारी चीजें गड़बड़ हो गईं.” उन पर एक रील में अपने पिता और गुरु के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल करने का आरोप है.  (एजेंसी इनपुट के साथ)