गोरखपुर: गोरखपुर के जिला बदर माफिया सुधीर सिंह और उनकी पत्‍नी अंजू सिंह का नामांकन खारिज कर दिया गया है. निवर्तमान ब्‍लाक प्रमुख और उनकी पत्‍नी के निविरोध निर्वाचन को लगभग तय माना जा रहा था. लेकिन, चुनाव आयोग की सख्‍ती के बाद जिला प्रशासन का भी त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव में मैदान में कूदने वाले माफियाओं पर शिकंजा कसा है. दिसंबर माह में ही सुधीर सिंह के गोरखपुर के आदर्शनगर और कालेसर स्थित मकान पर जिला प्रशासन ने कुर्की की कार्रवाई भी की है.

पर्चा हुआ खारिज

गोरखपुर के पिपरौली विकास खंड के वार्ड नंबर 52 अमरौटा से क्षेत्र पंचायत सदस्‍य की दावेदारी करने वाले जिला बदर माफिया और पिपरौली के निवर्तमान ब्‍लाक प्रमुख सुधीर सिंह और पत्नी अंजू सिंह का वार्ड नंबर-45 कालेसर से पर्चा भरने वाली पत्‍नी अंजू सिंह का भी पर्चा खारिज हो गया है. इसकी पुष्टि जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने की है. जिलाधिकारी के विजयेन्‍द्र पाण्डियन का कहना है कि माफिया को जिला बदर किया गया है. किसी ने सुधीर के नाम से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था. चर्चा के बाद आरओ और एआरओ की ओर से ये कार्रवाई की गई है.

पर्चा दाखिल करने वालों का खंगाला जा रहा है इतिहास

गोरखपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से माफिया और गुंडा एक्‍ट के साथ गैंगेस्‍टर में निरुद्ध अपराधियों का पर्चा खारिज किया गया है. ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि पंचायत चुनाव में माफिया और गैंगेस्‍टर किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं करने पाएं. उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है. जिला बदर माफिया सुधीर सिंह भी किसी माध्‍यम से पर्चा भर दिया था. उसकी पत्नी भी चुनाव लड़ रही थी.‍ जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ पर्चा निरस्‍त करने की कार्रवाई की है. जो भी पर्चा दाखिल कर रहा है उनका आपराधिक इतिहास देखा जा रहा है. जो अपराधी पर्चा दाखिल करने वालों को डरा धमका रहे हैं उन पर भी नजर रखी जा रही है. कुछ माफियाओं के पर्चा कैंसिल भी किया गया है. दुस्‍साहस करने वालों को बहुत अधिक भुगतना पड़ेगा. पिपरौली से निर्विरोध पर्चा दाखिल करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. माफिया सुधीर सिंह पर दिसंबर 2020 में गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई थी. इसके बाद छह महीने के लिए उसे जिला बदर कर दिया गया.

हाल ही में जिला प्रशासन ने की है कुर्की की कार्रवाई

जिला बदर माफिया सुधीर सिंह के शाहपुर थानाक्षेत्र के आदर्शनगर कालोनी स्थित मकान पर हम पहुंचे. यहां पर हमें जिला प्रशासन की ओर से कुर्की की कार्रवाई के बाद लटक रहा ताला मिला. दिसंबर माह में इस मकान को सील किया गया है. मकान के भीतर का नजारा और पेड़ के जमीन पर गिरे पत्‍तों को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मकान तीन से चार माह से बंद है. ऐसे में ये साफ है कि पंचायत चुनाव में सख्‍ती के बीच माफिया और अपराधियों पर किस तरह से कार्रवाई की जा रही है.

सुधीर के खिलाफ दर्ज मुकदमें

शाहपुर थाने में दर्ज मुकदमें

917/04 : धारा 392 ,411

301/03 394,411

109/09 गैंगेस्टर एक्ट

321/09 110

1863/08 307 भादवि व 07 सीएलए एक्ट

1245/09 गुंडा एक्ट

1615/09 110

1265/10 3(1) गैंगस्टर

952/10 148, 149, 145, 120 बी, 307 भादवि व एससी/एसटी

551/11 गुंडा एक्ट

एनसीआर 248/11 506

गुलरिहा में दर्ज मुकदमा

256/03 394, 307

कैंट में दर्ज मुकदमें

1122/02 307

2125/07 147, 148, 149, 302 भादवि व 07 सीएलए एक्ट व 3(1) गैंगेस्टर एक्ट

422/08 307

1009/11 30 आर्म्स एक्ट

1100/11 395, 398

899/11 147,148,149,307 भादवि व 07 सीएलए एक्ट

सहजनवा में दर्ज मुकदमा

1850/09 110 जी

लखनऊ में दर्ज मुकदमा

80/05 384,302,307,120 बी भादवि विकासनगर लखनऊ

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