Lucknow News: पुराने लखनऊ (Lucknow) में भी अब जल्द मेट्रो (Metro) रफ्तार भरती हुई नजर आएगी. 9 सितंबर को उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (UPMRC) ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर की शासन को सौंप दिया है. इसके तहत चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो चलाई जाएगी. इस रूट पर रोजाना लाखों लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस रूट के शुरू होने से पुराने शहर के लाखों लोगों को राहत मिल सकेगी.


मेट्रो में होंगे 3 कोच


पुराने लखनऊ में चलने वाली मेट्रो में तीन कोच होंगे. वही ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर यानी मेट्रो के ऊपर ओएचई ना होकर पटरियों के किनारे थर्ड लाइन होगी. प्रदेश सरकार की इस पहल से शहर में मेट्रो की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. UPMRC के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि चारबाग से बसंतकुंज तक पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर की कुल मार्ग लंबाई 11.165 किलोमीटर है.


इसमें एलिवेटेड लंबाई 4.286 किलोमीटर और भूमिगत लंबाई 6.879 किलोमीटर है. इस कारिडोर में कुल 12 स्टेशन होंगे. इस प्रस्तावित कॉरिडोर के पूरा होने में करीब पांच साल का समय लगने की संभावना है. कॉरिडोर का डिपो बसंतकुंज में बनाया जाएगा. फरवरी 2019 में 11.165 किलोमीटर लंबे इस कारिडोर के निर्माण के लिए करों के बिना अनुमानित पूंजीगत लागत 3,786 करोड़ रुपये थी जो बढ़कर 4264.89 करोड़ रुपये हो गई है.


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ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हैं ये 12 स्टेशन


इस कॉरिडोर में 12 निर्धारित स्टेशनों का नाम, चारबाग (भूमिगत), गौतमबुद्ध मार्ग (भूमिगत), अमीनाबाद (भूमिगत), पांडेयगंज (भूमिगत), सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत), मेडिकल चौराहा (भूमिगत), नवाजगंज (भूमिगत), ठाकुरगंज (एलिवेटेड), बालागंज (एलिवेटेड), सरफराजगंज (एलिवेटेड), मूसाबाग (ऊंचा), बसंत कुंज (ऊंचा) है.


मालूम हो कि अब तक कानपुर मेट्रो का काम पूरा हो चुका है और आगरा मेट्रो पर भी काम अंतिम दौर में है. ऐसे में पुराने लखनऊ को जोड़ने वाले अति महत्वपूर्ण कॉरिडोर पर भी काम किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट से चारबाग में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर आपस में मिल जाएंगे. इससे यात्रियों को बहुत फायदा होगा.


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