यूपी के रामपुर में एआरटीओ राजेश कुमार द्वारा जी सीरीज के बाहन नंबर आवंटित कर दिए जाने से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है. अब पुराने सरकारी वाहनों की नीलामी में जी सीरीज का नंबर निरस्त होकर आवंटियों को नया नंबर जारी होगा. रामपुर में जिन लोगों को जी सीरीज के नंबर जारी हुए हैं उन्हें साथ दिन के अंदर नंबर बदलवाने को कहा गया है. इसके बाद जुर्माने की कार्रवाई होगी.

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इस सम्बन्ध में परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि समय सीमा में जिसने नंबर नहीं बदलवाया आरसी निरस्त होने के साथ कार्रवाई होगी. सभी जिलों को ये निर्देश दिए गए हैं.

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क्या हुआ था पूरा मामला ?

जी सीरीज के वाहनों का मामला तब चर्चा में आया जब रामपुर में 9 हजार से अधिक निजी वाहनों को जी सीरीज के नंबर आवंटित कर दिए गए. जांच के बाद एआरटीओ समेत कई परिवहन कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गयी है. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बरेली जोन समर प्रसाद गुप्ता ने रामपुर एआरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण किया और जांच रिपोर्ट शासन को भेजी. ये सभी नंबर निरस्त होंगे और वाहन स्वामियों को नोटिस भेजकर नंबर दूसरा दिया जाएगा.

जी सीरीज सिर्फ राजकीय वाहनों के लिए अरक्षित

बता दें कि जी सीरीज सिर्फ राजकीय वाहनों के लिए ही आरक्षित है. सभी सरकारी दफ्तरों और टोल इत्यादि पर पता चल जाता है कि ये सरकारी नंबर है. निजी पर जी सीरीज का नंबर होने से भ्रम की स्थिति बनी रहती है.

ये है नियम अब

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वाहन पंजीकरण नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए 1988 से पहले पंजीकृत वाहनों के लिए विशेष प्रावधान लागू किए हैं. इस श्रेणी के वाहनों के मालिकों को नई 'जी' सीरीज हटाने की प्रक्रिया से छूट दी गई है, ताकि पुराने वाहनों के लिए अतिरिक्त राहत मिल सके. वहीं, 1999 के बाद पंजीकृत निजी वाहनों के लिए नंबर श्रेणी 50/55/57 में शामिल होगी, जो इन्हें नई पहचान प्रदान करेगी. यह कदम निजी और सरकारी वाहनों के बीच अंतर को स्पष्ट करने के लिए उठाया गया है.