Lucknow News: लखनऊ के अभिभावकों ने लिए राहत भरी खबर आई है. लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) डॉ. अमरकांत सिंह ने एक आदेश में कहा है कि स्कूल किसी खास दुकान से किताबें, जूते मोज़े, यूनिफार्म खरीदने का दबाव नहीं बना सकते हैं. आदेश में कहा गया है कि अगर किसी स्कूल द्वारा ऐसा करने की शिकायत मिली तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. DIOS की ओर से जारी यह आदेश लखनऊ में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा. आदेश में कहा गया है कि अगर इस नियम का कोई उल्लंघन करेगा तो अमुक विद्यालय के प्रबंधक या प्रिंसिपल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

आदेश में कहा गया है- "विद्यालयों द्वारा ड्रेस एवं पुस्तकों व्यवसायिक दृष्टि से न बेचने के लिए स्ववित्त पोषित अधिनियम-2018 के अध्याय-2 विद्यालयों में प्रवेश और शुल्क के बिन्दु शुल्क एवं निधि-3(10) के अनुसार किसी छात्र को पुस्तकें, जूते, मोजे व यूनिफार्म आदि किसी विशिष्ट दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा."

लखनऊ में शिक्षा विभाग ने लिया फैसला

उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति देने के निर्णय के बीच राजधानी लखनऊ में शिक्षा विभाग ने ये अहम फैसला किया है. राज्य सरकार का यह फैसला फीस वृद्धि का बोझ कम करने में मददगार साबित हो सकता है. हालांकि फिलहाल यह निर्णय राजधानी लखनऊ में ही लागू होगा.

इस वजह से लिया गया फैसला

बता दें कि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि स्कूल किसी खास दुकान से किताबें और अन्य शिक्षण सामग्री लेने के लिए कहते हैं. वहीं, अभिभवक कई बार इसकी शिकायत भी करते हैं. ऐसी शिकायतों को ध्यान में रखकर ही राजधानी लखनऊ में DIOS ने फैसला किया है. हालांकि, राजधानी लखनऊ के DIOS द्वारा जारी किए गए इस आदेश का क्षेत्र सिर्फ लखनऊ ही है यानी बाकी के 74 जिलों में यह आदेश लागू नहीं होगा.

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