उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बाबू बनारसी दास यूनिवर्सिटी में एमबीए की छात्रा खुशी की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है. खुशी के पिता ने उसके तीन दोस्तों और हॉस्टल के वार्डन पर उसकी हत्या करने आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है. लेकिन, बाद में पुलिस ने इस मामले को बदल दिया. पुलिस इसे हत्या नहीं आत्महत्या का मामला बता रही है.   

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बीबीडी यूनिवर्सिटी की छात्रा खुशी की मौत को लेकर पिता चंद्रप्रकाश का आरोप हैं कि उसके दोस्त रोहित शुभांशु, आलोक और वार्डन सुषमा ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश के तहत उसकी हत्या की है. उन्होंने इन सभी के खिलाफ लखनऊ के चिनहट थाने में केस दर्ज कराया. 

पिता ने लगाया बेटी की हत्या का आरोप

चंद्र प्रकाश ने कहा कि उन्हें 10 नवंबर की रात को सूचना मिली थी कि उनकी बेटी ने हॉस्टल में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली है. उसका शव लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में शव गृह में रखा गया है. ये खबर सुनने परिजनों के पैरों को नीचे से जमीन खिसक गई और वो तत्काल अस्पताल पहुंचे. 

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मृतका के पिता का कहना है कि जब वो अस्पताल पहुंचे तो उन्हें हॉस्टल की वार्डन सुषमा ने जानकारी दी खुशी के दो दोस्त शुभांशु और आलोक उसे स्कूटी से अस्पताल लेकर आए थे. उन्हें खुशी की आत्महत्या की जानकारी उनके दोस्त रोहित भारद्वाज ने दी थी और उन्हें कमरे में देखने को कहा था. 

रोहित ने इस बारे में खुशी के साथ वाले कमरे में रहने वाली छात्रा को भी बताया था, जिसके बाद उन्होंने वार्डन को इसकी ख़बर दी. पिता को शक है ये पूरा मामला आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का है और इसके उसके दोस्तों के साथ हॉस्टल की वार्डन भी शामिल हैं.  

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पुलिस ने आत्महत्या में बदला केस

वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने पिता द्वारा दी हत्या की तहरीर को आत्महत्या के लिए उकसाने में बदल दिया है. पुलिस का कहना है कि  खुशी ने आत्महत्या की थी, उसके हाथ पर सुसाइड नोट लिखा मिला था. उसके कमरे में मिली डायरी में भी सुसाइड नोट मिला है. पिता की शिकायत पर इस मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है.