Lucknow News: राजधानी लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात हुए भीषण अग्निकांड की असली वजह अब सामने आ गई है. पांच सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, यह आग शॉर्ट सर्किट से नहीं बल्कि किसी द्वारा पी गई बीड़ी या सिगरेट के जलते टुकड़े से लगी थी, जो खिड़की के रास्ते अस्पताल के स्टोर में गिर गया था. यह घटना 15 अप्रैल की रात करीब साढ़े नौ बजे की है, जब अस्पताल के दूसरे तल पर बने फीमेल मेडिसिन वार्ड के पास स्थित स्टोर रूम में अचानक आग भड़क गई. स्टोर में कॉटन के बंडल, स्प्रिट, दस्ताने और कागज के गत्ते रखे थे, जो आग की लपटों में तुरंत आ गए. देखते ही देखते धुआं पूरी दूसरी मंजिल पर फैल गया और मरीजों को बाहर निकालना पड़ा.

जांच कमेटी को 15 दिन में रिपोर्ट देने का समय मिला था, लेकिन अफसरों ने महज तीन दिन में रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंप दी. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि स्टोर रूम में मौजूद सभी एमसीबी और स्विच बंद थे, यानी कहीं भी विद्युत शॉर्ट सर्किट का कोई प्रमाण नहीं मिला.

जांच रिपोर्ट में अस्पताल की लापरवाही भी आई सामनेरिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अस्पताल परिसर में धूम्रपान पूरी तरह प्रतिबंधित है, फिर भी किसी ने बीड़ी या सिगरेट पीकर उसका टुकड़ा वेंटिलेशन विंडो के जरिए अंदर फेंक दिया. इसी से स्टोर में रखी ज्वलनशील सामग्री ने आग पकड़ ली. इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन ने फायर एनओसी के नियमों को भी नजरअंदाज किया. नगर निगम पहले ही स्टोर में कागज व गत्ते रखने पर आपत्ति जता चुका था, बावजूद इसके इन्हें हटाया नहीं गया.

तकनीकी पहलुओं पर भी हुआ फोकसरिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जिस आइसोलेशन वार्ड के पास आग लगी, वहां का एसी पहले से बंद था. उसकी सर्विसिंग तीन दिन पहले की गई थी और एमसीबी पहले ही ऑफ कर दिया गया था. यानी आग लगने में बिजली की कोई भूमिका नहीं थी. जांच के समय सभी एसी, लाइट और फैन सिस्टम की स्थिति भी जांची गई और सभी जरूरी एमसीबी बंद पाए गए.

जांच टीम में शामिल अधिकारीइस गंभीर मामले की जांच में विद्युत सुरक्षा निदेशालय के विशेषज्ञ सुनील कुमार, आनंद गुप्ता, आरएन यादव और मुला सिंह यादव शामिल थे. अस्पताल की ओर से निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता, सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने भी जांच में सहयोग किया.

उत्तर प्रदेश सरकार बीते वर्षों में सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा और सुविधा सुधार को लेकर गंभीर रही है. ऐसे में राजधानी के एक प्रमुख अस्पताल में इस तरह की घटना प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है. खासतौर पर जब स्टोर में ज्वलनशील सामग्री रखी हो और धूम्रपान प्रतिबंधित हो, तब ऐसे हादसे का होना कई सवाल खड़े करता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर क्या कार्रवाई करती है.

ये भी पढ़ें: Bulandshahr News: बुलंदशहर पुलिस ने चेकिंग के दौरान शातिर बदमाश को पकड़ा, अवैध हथियार बरामद