Lucknow Inspector Bribe : राजधानी लखनऊ के हरौनी चौकी के दरोगा को कल एंटी करप्शन की टीम में रंगे हाथों पकड़ा जब वह 10000 की रिश्वत ले रहा था. दरोगा को एंटी करप्शन की टीम हिरासत में लेकर पीजीआई थाने ले आई. एंटी करप्शन की टीम को देखकर दरोगा हाथ पैर पटकने लगा और उनके साथ जाने से इनकार करने लगा पर चार से पांच एंटी करप्शन के लोगों ने दरोगा को पड़कर अपनी गाड़ी से पीजीआई थाने ले आए. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस मामले में पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. दरोगा का नाम राहुल त्रिपाठी है.


क्या था मामला


एंटी करप्शन टीम के मुताबिक 28 अगस्त को बंथरा थाने में एक किशोरी को बहला फुसला कर अपने साथ ले जाने की एफआईआर दर्ज हुई थी. इस मामले की जांच दरोगा राहुल त्रिपाठी कर रहे थे. जांच के दौरान केस में रेप की धाराएं बढ़ाई गई. इस मामले में पुलिस ने आरोपी विशाल रावत के साथ एक और आदमी को जेल भी भेज दिया. रेप की घटना लखनऊ के एमएफ टावर स्थित होटल में हुई थी. 






ऐसे में दरोगा ने होटल मालिक विनोद कुमार से कई बार पूछताछ की और पूछताछ के दौरान विनोद को उसके होटल में रेप होने की बात से डराते हुए कहा की धारा 368 के तहत किसी अगवा शख्स को जानबूझकर पनाह देने के तहत वो उसे आरोपी बना सकता है. साथ ही दरोगा ने कहा अगर वह इस केस में आरोपी नहीं बनना चाहता तो उसे ₹20000 दे. इसी मामले में विनोद नामक होटल मालिक ने एंटी करप्शन टीम को इसकी जानकारी दी थी, इसके बाद दरोगा को रंगे हाथों दबोचा जा सका. 


ऐसे दबोचा गया दरोगा राहुल त्रिपाठी


एंटी करप्शन टीम को सूचना मिलने के बाद उसने दरोगा राहुल त्रिपाठी को पकड़ने का प्लान बनाया. इसके लिए दरोगा द्वारा मांगे के 20 हजार रुपए को देने के लिए होटल मालिक विनोद पैसे लेकर चौकी में गया. इस दौरान जैसे ही विनोद चौकी के अंदर गया और उसने दरोगा को पैसे दिए इसके बाद एंटी करप्शन की टीम भी पीछे से पहुंच गई और उसने रिश्वत लेते हुए दरोगा को रंगे हाथों पकड़ लिया. इसके बाद जब दरोगा को अपने साथ चलने के लिए कहा तो वह साथ चलने को तैयार नहीं हुआ. इसी दौरान उसे चौकी से खींच कर बाहर लाया गया और पीजीआई थाने लाकर एफआईआर दर्ज कराई गई.


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