उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रविवार (9 नवंबर) को डीजीपी के आदेश पर बड़ी कार्रवाई की गई. पुलिस द्वारा मंदिरों और मस्जिदों से अवैध लाउडस्पीकरों को उतारा गया. लाउडस्पीकरों से आवाज को कम करने के लिए धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों पर यह एक्शन लिया गया. यह कार्रवाई ध्वनि प्रदूषण को रोकने और निर्धारित सीमा का पालन करवाने के लिए की गई.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेश के निर्देशों पर लखनऊ के सभी धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों से अतिरिक्त ध्वनि वाले लाउडस्पीकरों को उतारने के खिलाफ अभियान चलाया गया. इसको लेकर पुलिस प्रशासन की तरफ से कई दिनों को यह अभियान चलाया जाएगा.
स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई पर क्या कहा?
लाउडस्पीकरों की इस कार्रवाई पर लखनऊ के स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया दी है. इलाके के सैयद मोहम्मद हैदर ने बताया कि पुलिस प्रशासन और मीडिया यहां पर आई है. सरकार की तरफ से कानून आया है कि मंदिरों और मस्जिदों से तेज आवाज वाले लाउडस्पीकरों को उतारा जा रहा है.
उन्होंने आगे बतयाया कि पुलिस द्वारा कहा गया है कि मस्जिदों में 5 वक्त की आजान की वजह से किसी को दिक्कत न हो इसलिए यह कार्रवाई की जा रही है. हैदर ने आगे कहा है कि ऐसे में हमें कोई अपत्ति नहीं है. पुलिस प्रशासन लाउडस्पीकर्स हटवा रहा है तो कोई दिक्कत नहीं.
साथ ही हैदर ने आगे कहा है कि यह कार्रवाई किसी भी एक पक्ष के खिलाफ नहीं होना चाहिए, किसी भी एक धर्म के खिलाफ नहीं होना चाहिए, सभी धार्मिक स्थलों पर बराबर की कार्रवाई होनी चाहिए. उनका कहना है कि प्रशासन के इस कदम से किसी भी धर्म के लोगों को कोई परेशानी नहीं है.
राज्य के कई जिलों में प्रशासन की कार्रवाई
डीजीपी के आदेश के बाद राज्यभर में यह कार्रवाई की जा रही है. हर जिले में अतिरिक्त ध्वनि वाले लाउडस्पीकरों को तत्काल प्रभाव से उतारा जा रहा है. राज्य के मुजफ्फरनगर जिले में 15 लाउडस्पीकर्स को उतारा गया. इसमें 9 सिविल लाइन थाना इलाके और 6 कोतवाली क्षेत्र से उतरवाए गए.
इसके अलावा बरेली में भी प्रशासन की तरफ से लाउडस्पीकर अभियान चलाया गया. शहर के कई प्रमुख स्थलों से अवैध लाउडस्पीकरों को उतारा गया. फिलहाल राज्यभर में प्रशासन की तरफ से यह अभियान तेज गति से चलाया जा रहा है.