Lucknow News: लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट (Alaya Apartment) से जुड़ी फाइलें लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) से गायब हो गई हैं. एलडीए सूत्रों का कहना है कि अपार्टमेंट ढहने के बाद इससे जुड़ी 8 फाइलों का पता नहीं चल रहा है. यह भी पता चला है कि यजदान बिल्डर ने एलडीए के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को अपार्टमेंट में फ्लैट तोहफे में दिए थे. उधर, अपार्टमेंट मामले में दर्ज एफआईआर में नामजद तारिक को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. अलाया अपार्टमेंट का निर्माण कार्य वर्ष 2011 में शुरू हुआ था. 


अपार्टमेंट गिरने के बाद जब एलडीए में फाइलें खंगाली गई तो कई फाइलें गायब मिलीं. एलडीए सूत्रों के मुताबिक आठ फाइलें ऐसी हैं जिनका कोई अता-पता नहीं है. फिलहाल, एलडीए ने तीन इंजीनियरों को चिह्नित किया है जो अपार्टमेंट के निर्माण कार्य के दौरान वहीं तैनात थे और फाइलों पर भी उन्होंने ही हस्ताक्षर किए थे. इन तीनों इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. 


तोहफे में मिली थी फ्लैट, अब कर्मचारियों को किया गया चिह्नित
एलडीए सूत्रों का यह भी कहना है कि यजदान बिल्डर ने अवैध अपार्टमेंट बनाने के लिए एलडीए के कुछ अफसरों और कर्मचारियों को तोहफे में फ्लैट दिए थे. इन अफसरों और कर्मचारियों को भी चिह्नित किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक एलडीए के कुछ अफसरों की संपत्ति की जांच भी कराई जा रही है. इस बीच, हजरतगंज कोतवाली की पुलिस ने अपार्टमेंट गिरने के मामले में दूसरे आरोपी तारिक को भी गिरफ्तार कर लिया है. तारिक समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर का भतीजा है. इससे पहले हादसे के कुछ घंटे बाद पुलिस ने शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश मंजूर को मेरठ से गिरफ्तार किया था. एफआईआर में नामजद तीसरा आरोपी यजदान बिल्डर का मालिक फहद यजदान अभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है. उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है.


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