गाजियाबाद: गाजियाबाद लोकसभा सीट से कुल 25 दावेदारों ने नामांकन किया था। लेकिन प्रशासन की स्क्रूटनी में 13 लोगों के आवेदन निरस्त कर दिए गए है। लोकसभा 2019 के लिए अब गाजियाबाद लोकसभा से 12 उम्मीदवार  मैदान में है। इनमे से बीजेपी से वीके सिंह, कांग्रेस से डॉली शर्मा और गठबंधन से सपा के सुरेश बंसल प्रमुख है। इसके अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से सेवाराम कसाना, शिवसेना से नागेन्द्र कुमार, आरपीआई से मोहनलाल के साथ-साथ 6 अन्य निर्दलीय प्रत्याशी लोकसभा के रण में ताल ठोक रहे हैं। गाजियाबाद लोकसभा सीट पर फिलहाल चुनाव त्रिकोणीय नजर आ रहा है। मुकाबले में बीजेपी, गठबंधन और कांग्रेस है।

जानें- कब अस्तित्व में आई सीट

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी कब्जा है। इस सीट पर दो ही बार लोकसभा चुनाव हुए हैं और दोनों ही बार ये सीट बीजेपी के खाते में गई है। गाजियाबाद लोकसभा सीट का नाम प्रदेश की वीआईपी सीटों में शामिल है। गाजियाबाद लोकसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई थी। पहली बार 2009 में जब यहां से चुनाव हुए तो केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रह चुके राजनाथ सिंह ने यहां से बड़े अंतर से चुनाव जीता था। 2014 में राजनाथ सिंह लखनऊ चले गए और यह सीट वीके सिंह को मिली।

क्या कहता है समीकरण

वोटरों की संख्या के हिसाब से गाजियाबाद प्रदेश की बड़ी लोकसभा सीटों में से एक है। 2014 में यहां करीब 23 लाख से अधिक वोटर थे, इनमें 13 लाख पुरुष और 10 लाख महिला वोटर थीं। 2014 में यहां पर 56 फीसदी मतदान हुआ था। 6000 से अधिक वोट NOTA में डाले गए थे। गाजियाबाद में मुस्लिम जनसंख्या 25 फीसदी से अधिक है। 1,95,088 नए मतदाताओं के नाम जुड़ने की प्रकिया चल रही है। यहां 41 फीसदी मतदाता 40 साल से कम उम्र के हैं। वहीं इस सीट पर महिला वोटरों की भी खास भूमिका रही है। 2009 से इनकी संख्या में भी इजाफा होता आया है। इस बार इस सीट पर 45 फीसदी महिला मतदाता बताई जा रही हैं।

ये हैं मौजूदा आंकड़े

गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद और धौलाना सीटें शामिल हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ धौलाना सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई थी, जबकि अन्य सभी 4 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था।

मोदी लहर का दिखा असर

2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मोदी लहर ने विरोधियों को चित कर दिया था। सेना से रिटायर होकर भारतीय जनता पार्टी में आए जनरल वीके सिंह ने इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से किस्मत आजमाई और जीत दर्ज की। वीके सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार रहे राज बब्बर को करीब 5 लाख से अधिक वोटों से हराया था।

ये हैं आंकड़े

2014 लोकसभा चुनाव

जनरल वीके सिंह- भारतीय जनता पार्टी- कुल वोट मिले- 758,482- 56.5%

राज बब्बर- कांग्रेस- कुल वोट मिले 191,222- 14.2%

मुकुल उपाध्याय- बहुजन समाज पार्टी- कुल वोट मिले- 173,085- 12.9%

2009 लोकसभा चुनाव

राजनाथ सिंह- भारतीय जनता पार्टी- कुल वोट मिले- 359637- 43.34%

सुरेंद्र प्रकाश गोयल-कांग्रेस- कुल वोट मिले-268956-32.41%

अमरपाल शर्मा-बसपा- कुल वोट मिले-180285-21.73%

कौन हैं वीके सिंह

सेना प्रमुख रह चुके वीके सिंह ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी में एंट्री मारी थी। 2010 से लेकर 2012 तक वह सेना प्रमुख रहे थे। सीरिया-इराक जैसे देशों में मुश्किल समय में भारतीयों को निकालने में वीके सिंह ने काफी अहम भूमिका निभाई थी।