UP Politics: उत्तर प्रदेश में 'मिशन 80' का लक्ष्य पाने के लिए बीजेपी ने तैयारी अभी से शुरू कर दी है. सांसदों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाने के साथ हर सीट का सर्वे भी कराया जा रहा है. पार्टी ने इंटरनल सर्वे को तीन अलग-अलग जोन में बांटा है. रेड जोन में 2019 की हारी हुई लोकसभा सीटों को रखा गया है. हारी हुई सीटों पर अमित शाह की सीधी नजर रहेगी. रेड जोन की सीटों पर पार्टी सबसे ज्यादा फोकस और मेहनत करेगी. पीएम मोदी की सबसे ज्यादा रैली भी रेड जोन में आनेवाली सीटों पर बीजेपी कराएगी. रेड जोन की सीटों में रायबरेली, अमरोहा, घोसी, सहारनपुर, लालगंज, अंबेडकरनगर, मुरादाबाद, संभल, नगीना, बिजनौर, मैनपुरी, रामपुर और आजमगढ़ को रखा गया है.
3 अलग-अलग जोन में बांटकर मिशन 80 तैयार
बता दें कि उपचुनाव में मिली जीत के बाद भी बीजेपी आजमगढ़ और रामपुर सीट को रेड जोन में रखकर तैयारी कर रही है. पिछली बार जीती इटावा, फिरोजाबाद और बदायूं की सीट को भी बीजेपी ने रेड जोन में रखा है. येलो जोन में फतेहपुर सीकरी, अकबरपुर अमेठी, अलीगढ़, कैराना, फूलपुर,कौशांबी, श्रावस्ती, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बागपत भदोही, हाथरस, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर की सीट शामिल हैं. इस बार बीजेपी येलो जोन की सीटों पर सीधी लड़ाई मानकर तैयारी कर रही है.
बीजेपी के इंटरनल सर्वे पर विपक्ष हुआ हमलावर
ग्रीन जोन की सीटों में लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, गौतम बुद्ध नगर, झांसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा, आगरा, अयोध्या, कैसरगंज, गोंडा, बरेली, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, देवरिया, मिर्जापुर, मथुरा, बांसगांव, संत कबीर नगर हैं. बीजेपी ग्रीन जोन की सीटों पर जातीय समीकरण के कारण कई बार से जीत दर्ज करती चली आ रही है. ग्रीन जोन की सीटों पर पार्टी अलग रोडमैप तैयार कर रही है. विपक्ष बीजेपी के इंटरनल सर्वे पर घेरने में जुटा है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि समीकरण और आंकड़े के हिसाब से बीेजपी रणनीति होती है.