Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में इन दिनों बीजेपी (BJP) के कई सांसदों के दिलों की धड़कने बढ़ी हुई है. इसकी वजह है पार्टी का वो नया फॉर्मूला जिसका प्रयोग बीजेपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Election 2023) में आजमाने जा रही है.


बीजेपी ने एमपी चुनाव के लिए कई सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. पार्टी ने सिटिंग विधायकों के टिकट काटते हुए राष्ट्रीय नेताओं से लेकर बड़े चेहरों को विधानसभा में उतार दिया है. अगर यही फॉर्मूला यूपी में देखने को मिला तो यहां भी कई वर्तमान सांसदों का टिकट कटना तय है.


बीजेपी ने यूपी में सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. ऐसे में पार्टी सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार पर ही दांव चलना चाहती है. पिछले दिनों महाजनसंपर्क अभियान के दौरान पार्टी ने एक आंतरिक सर्वे भी कराया था, जिसमें उन सीटों की जानकारी इकट्ठा की गई, जिनकी स्थिति अपने क्षेत्र में कमजोर है, उनकी न तो जनता के बीच छवि अच्छी है और न ही कार्यकर्ताओं उन्हें पसंद करते हैं. सर्वे के मुताबिक बीजेपी में करीब दो दर्जन सांसद ऐसे हैं जो पार्टी की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं.


बीजेपी के एमपी फॉर्मूले ने बढ़ाई सांसदों की धड़कनें


मध्य प्रदेश में टिकट बंटवारे में बीजेपी ने जो प्रयोग किया है, उससे अब यूपी के सांसदों की बेचैनी भी बढ़ गई है. अगर एमपी के फॉर्मूले पर लोकसभा चुनाव में यूपी में भी टिकटों का बंटवारा होता है तो कई वर्तमान सांसदों के टिकटों पर खतरे की तलवार लटकते दिख रही है. इनमें कई सासंदों की उम्र भी आड़े आ सकती है. 


बीजेपी 75 साल से ज्यादा उम्र वाले फॉर्मूले पर जाती है तो कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी, बरेली के सांसद संतोष गंगवार, मथुरा से सांसद हेमामालिनी और प्रयागराज की सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी का टिकट कट सकता है.  इस सूची में डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल, मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल और फिरोजाबाद के सांसद चंद्रसेन जादौन भी आते हैं.


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