Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के साझेदार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सीट-बंटवारे की व्यवस्था को लेकर आमने-सामने हैं. दोनों दलों ने अब विभिन्न सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची बनाना शुरू कर दिया है. गठबंधन के साथी पूरे यूपी में केवल कुछ सीटों पर ही सहमति है.


सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद बेगम नूर बानो रामपुर से कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं. बेगम के परिवार और सपा नेता मोहम्मद आजम खान के बीच कट्टर प्रति‍द्वंदिता के बावजूद यह सीट कांग्रेस को दे दी गई है. उन्होंने कहा कि आजम खान बेगम नूर बानो का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि उनका परिवार जेल में है, खान के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है.


अजय राय के बलिया से लड़ सकते हैं चुनाव
2014 और 2019 में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अजय राय अपने मुखर नेतृत्व और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मजबूत संबंधों के लिए जाने जाते हैं. सूत्रों ने बताया कि सपा ने कांग्रेस को बलिया, फतेहपुर सीकरी, रामपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, सुल्तानपुर, कानपुर, सहारनपुर, भदोही और बहराईच की सीटें ऑफर की हैं.


रायबरेली और अमेठी सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं होने के बावजूद सपा ने अभी कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. कांग्रेस को सीटें देने से पहले सपा ने यह भी पूछा था कि कांग्रेस जिन सीटों की मांग कर रही है, उन पर लड़ने के लिए कौन उम्मीदवार हैं. इसी आधार पर कांग्रेस ने इंडिया गठबंधनके साथ कुछ सीटवार उम्मीदवारों के नाम साझा किए हैं.


रामनाथ सिकरवार को कांग्रेस दे सकती है मौका
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस राज बब्बर को फ़तेहपुर सीकरी से मैदान में उतारने की इच्छुक थी, लेकिन अभिनेता से नेता बने राज बब्बर फ़तेहपुर सीकरी सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि फतेहपुर सीकरी सीट के लिए दूसरी पसंद रामनाथ सिकरवार हो सकते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत्रा महाराजगंज सीट से उम्मीदवार बताई जा रही हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सुप्रिया को टिकट दिया था, लेकिन वह हार गईं.


कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को बाराबंकी से टिकट दिया गया है, जबकि पूर्व एमएलसी दीपक सिंह सुल्तानपुर से उम्मीदवार हो सकते हैं. पूर्व सांसद इमरान मसूद के सहारनपुर से, जबकि पूर्व सांसद राजेश मिश्रा के भदोही से चुनाव लड़ने की संभावना है. सूत्रों ने यह भी कहा कि कांग्रेस कमल किशोर कमांडो के लिए बांसगांव सीट मांग रही है, हालांकि बांसगांव सीट के लिए सपा ने अभी तक सबसे पुरानी पार्टी के लिए कोई वादा नहीं किया है.


फर्रुखाबाद सीट पर खींचतान की स्थिति
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट को लेकर गठबंधन सहयोगियों के बीच खींचतान भी देखने को मिली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद फर्रुखाबाद से चुनाव लड़ते थे, जो उनकी पुश्तैनी सीट रही है. हालांकि, पिछले दो लोकसभा चुनावों में खुर्शीद फर्रुखाबाद में अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे. सपा ने अब फर्रुखाबाद से कैंसर सर्जन नवल किशोर शाक्य को टिकट दिया है.


समाजवादी पार्टी ने लखीमपुर खीरी में भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है, जहां उसने उत्कर्ष वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. कांग्रेस इस निर्वाचन क्षेत्र से पूर्वी वर्मा के नाम की घोषणा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. पूर्वी अपने पिता रवि वर्मा के साथ नवंबर 2023 में कांग्रेस में शामिल हुई थीं. रवि वर्मा पूर्व सपा नेता हैं. उन्होंने कहा, ''सपा हमें वो लोकसभा सीटें दे रही है जो हमने मांगी भी नहीं थीं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, सपा ने उन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए, जिन पर कांग्रेस अपने गठबंधन सहयोगी को सूचित किए बिना चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी.


कांग्रेस और सपा में सीट बंटवारे पर तकरार
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस के लिए 11 सीटें रखी हैं, लेकिन बाद में सपा ने 16 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जबकि कांग्रेस नेताओं का मानना है कि लोकसभा सीटों को लेकर सपा की घोषणा एकतरफा हैं. सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच तनाव को देखते हुए, यह देखना बाकी है कि देश के सबसे बड़े राज्य में सीटों के लिहाज से गठबंधन परीक्षा में टिकेगा या आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी अलग राह पकड़ेगा.


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