Lok Sabha Election 2024: घोसी उपचुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से बसपा के दलित वोटरों को साधने की तैयारी में जुट गई है. घोसी में बड़ी संख्या में दलितों ने बीजेपी की बजाय समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट किया. ऐसे में अब बीजेपी दलित मतदाताओं को साधने के लिए एक नया मसौदा तैयार करने में जुट गई है. 

2024 चुनाव में दलित वोट बैंक को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरब से लेकर पश्चिम तक अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान के तहत बीजेपी अनुसूचित जातियों की विभिन्न जातियों के बीच पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाएगी और उन्हें पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी. 

मायावती के वोटरों पर नजर

आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 60 फीसदी वोट प्राप्त करने और प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया है. इसी लक्ष्य के तहत भाजपा ने बसपा के दलित वोटों में सेंध लगाने की रणनीति बनाई है. घोसी विधानसभा के चुनाव परिणाम में दलितों का बड़ा वोट बैंक समाजवादी पार्टी की तरफ जाता हुआ दिखाई दिया. बसपा के चुनाव न लड़ने पर दलित वोट बैंक के सपा की तरफ जाने से भाजपा की चिंता काफी बढ़ गई है. 

घोसी चुनाव से सीख लेते हुए दलित वोटरों को साधने के लिए बीजेपी अब विधानसभा वार 100 नमो मित्र बनाने जा रही है. यह नमो मित्र 20 सितंबर से दलित बस्तियों में संपर्क अभियान शुरू करेंगे और लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के लिए जमीन तैयार करेंगे. इस मुहिम के तहत दलित युवाओं को साधने के लिए "दलित प्रतिभा सम्मेलन" का आयोजन कर प्रतिभावान विद्यार्थियों और युवाओं को सम्मानित भी किया जाएगा. 

बीजेपी ने बनाई ये रणनीति

भारतीय जनता पार्टी के एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया के अनुसार पार्टी की ओर से नवंबर में सभी विधानसभा क्षेत्र में "भीम सम्मेलन" का आयोजन किया जाएगा. इसमें जाटव बस्तियों में सम्मेलन होगा और दलित समाज के युवाओं से संवाद किया जाएगा. साथ ही बातचीत कर ये भी समझा जाएगा कि वो सरकार से क्या चाहते है. इस दौरान उनको मोदी-योगी सरकार की ओर से एससी वर्ग के लिए की जा रही योजनाओं की जानकारियां भी दी जाएंगी.

UP Politics: यूपी में मॉक ड्रिल जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कसा योगी सरकार पर तंज, गिनाए सपा के काम