Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट हमेशा से ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में रही है. विशेष तौर पर इस बार मुख्तार अंसारी की मौत के बाद कहना होगा अब तो पूरे देश की नजर गाजीपुर की सीट पर टिकी हुई है. इंडिया गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी ने पहले ही मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को यहां से चुनावी मैदान में उतार दिया है.
हालांकि अभी तक बीजेपी ने इस सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है. वैसे प्रत्याशियों के नाम की चर्चाएं लगातार जारी है. यह भी कहा जा रहा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सिंबल पर गाजीपुर के सीट से प्रत्याशी उतारा जा सकता है. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ मनोज सिन्हा ने गाजीपुर की सीट से जीत हासिल की थी. विकास पुरुष के तौर पर उनकी पहचान बनी लेकिन 2019 में गाजीपुर की सीट से ही उनकी हार हुई थी.
प्रचंड लहर में हार गए थे मंत्री बीजेपी की प्रचंड लहर में भी मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी बसपा के सिंबल पर गाजीपुर से चुनाव जीते थे. यहां तक की 2022 विधानसभा चुनाव में भी गाजीपुर की सीट पर बीजेपी के खाते में एक भी सीट नहीं आ सकी. स्वाभाविक तौर पर बीते चुनावी परिणाम बीजेपी को नई रणनीति के साथ उतरने पर मजबूर कर रहे हैं. इसके अलावा गाजीपुर के क्षेत्र में चर्चित नाम अंसारी परिवार में से मुख्तार अंसारी की मौत के बाद एक सहानुभूति लहर का भी दावा राजनीतिक विशेषज्ञों की तरफ से किया जा रहा है.
इन्हीं सबके बीच बीजेपी की तरफ से अभी तक प्रत्याशियों के नाम का ऐलान न करना भी सपा का गाजीपुर की सीट पर हौसला बुलंद कर रहा है. वैसे बीजेपी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी सोच समझकर यहां पर उम्मीदवार का ऐलान करेगी. दूसरी तरफ बीजेपी के ही सहयोगी दल सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने यहां तक दावा कर दिया है कि वह पूर्वांचल के बाहुबली चेहरे के तौर पर पहचाने जाने वाले बृजेश सिंह को यहां से टिकट देने के लिए तैयार भी हैं.
रेस में हैं ये नामराजनीतिक जानकारों की मानें तो गाजीपुर की सीट पर बीजेपी एक ऐसे चेहरे को चुनावी मैदान में उतारना चाहती है जो सीधे तौर पर अंसारी छवि को टक्कर दे सके. हालांकि इनमें प्रमुख तौर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल डॉ. मनोज सिन्हा और उनके परिवार के सदस्य, बाहुबली बृजेश सिंह, विधायक सुशील सिंह और कृष्णानंद राय की धर्मपत्नी अलका राय का नाम चर्चा में है.
अभी तक पार्टी की तरफ से किसी भी प्रत्याशी के टिकट को लेकर कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं किया गया है. लेकिन यह माना जा रहा है कि इस बार मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर में अंसारी परिवार के लिए सहानुभूति की लहर भी है.वैसे देखना होगा कि इस बार गाजीपुर के चुनावी मुकाबले में बीजेपी अंसारी परिवार कों शिकस्त देने में कामयाब हो पाती है या नहीं.