राजधानी लखनऊ में अब 7.5 मीटर चौड़ी शासकीय सड़क के किनारे भी भवनों के नक्शे पास होंगे. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को आसान करते हुए ये व्यवस्था लागू हैं. इसके साथ ही सड़क शासकीय विभाग द्वारा निर्मित है, इसका सत्यापन खुद आर्किटेक्ट कर सकेंगे और इसके लिए सम्बंधित विभाग से कोई प्रमाण पत्र नहीं लेना पड़ेगा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने नक्शा पास कराने की व्यवस्था में सुधार करते हुए प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया है. एलडीए उपाध्यक्ष ने आर्किटेक्ट्स के साथ बैठक कर नये नियमों के बारे में जानकारी दी है. इस बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा व मुख्य नगर नियोजक के.के गौतम समेत अन्य अधिकारी व अभियंता मौजूद रहे.
आर्किटेक्ट को दी गई ये जिम्मेदारी
एलडीए वीसीए ने बताया कि नक्शे में आपत्ति लगने की दिशा में आर्किटेक्ट्स की जिम्मेदारी तय कर दी है. इस दौरान आर्किटेक्ट द्वारा वार्षिक रूप से जमा किए जाने वाले नक्शों को लेकर भी समीक्षा की गई और इस बात पर मंथन हुई कि नक्शा पास करानें में अक्सर किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसमें कितना समय लग जाता है या फिर किस तरह से आपत्ति लगाई जाती है.
एलडीए उपाध्यक्ष ने इन तमाम बातों को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली. प्रथमेश कुमार ने बताया कि नए बिल्डिंग नियमों के तहत शहर में 7.5 मीटर चौड़ी सड़क पर भी भवन मानचित्र स्वीकृत किए जा रहे हैं. अभी तक आवेदक को इसके लिए संबंधित विभाग से प्रमाणपत्र लेकर देना होता था कि उक्त सड़क विभाग द्वारा ही निर्मित की गई है.
नक्शा पास कराने की प्रक्रिया हुई आसान
उपाध्यक्ष ने कहा कि अक्सर इस पूरी प्रक्रिया में बहुत देर हो जाया करती थी. नक्शा पास करने में भी समय लगता था. इन तमाम परेशानियों को ध्यान में रखते हुए अब इस व्यवस्था को पहले से ज्यादा आसान कर दिया गया है. अब नक्शा पास करने वाले आर्किटेक्ट ही ये सत्यापित कर सकेंगे कि कौन सी सड़क किस सरकारी विभाग की है.
उन्होंने निर्देश दिए अब से एलडीए की योजनाओं भवन मानचित्रों में आवेदक से साइट प्लान नहीं मांगा जाएगा. ये काम प्राधिकरण के स्तर से मानचित्र अनुभाग करेगा.